पिछले दो साल से हाथ व पैरों से अपाहिज होकर दाने-दाने को मोहताज थे
सिंघाना, गुजरवास के मदन वाल्मीकि की पिछले दो साल से हाथ व पैरों से अपाहिज होकर दाने-दाने को मोहताज व बच्चों ने छोडी पढ़ाई की खबर से स्वर्गीय जुगल किशोर बरासिया के सुपुत्र गोपाल बरासिया निवासी सूरजगढ़ प्रवासी मुंबई ने भामाशाह बनकर कर सहायता उपलब्ध करवाई है। आज गुरुवार को प्रतिनिधि के तौर पर बाबूलाल डीडवानिया व राजकुमार फतेहपुरिया गुजरवास पीड़ित के घर पहुंचे। परिजनों को दो महीने का राशन सर्दी के बचाव के लिए चार कंबल व बर्तन भेंट किए। भामाशाह ने बताया की शौचालय व रसोई का भी निर्माण करवाया जाएगा। तथा लड़का, लड़की का निजी स्कूल में दाखिला करवाया गया। पीड़ित के उपचार के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर को भी दिखाया जाएगा। राशन सामग्री भी हर महीने उपलब्ध करवाई जाएगी। पीड़ित परिवार के पास भामाशाह कार्ड भी नहीं था जिससे उसको दो रूपए किलो का राशन भी नहीं मिल पा रहा था वह भी बनवाने की प्रक्रिया शुरू की गई। इस मौके पर सरपंच जगदीश गुर्जर, राजेश जैदिया, नरेश, मालाराम, मुकदम, लीलाराम,श्री राम, छाजू राम सहित परिवार जन व मोहल्ले के लोग उपस्थित रहे।