बीएसडीयू ने कैथोलिक यूनिवर्सिटी ऑफ द माले, चिली के साथ की साझेदारी
विद्यार्थियों को बेहतर अवसर प्रदान करने के लिए
जयपुर , भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी (बीएसडीयू), जयपुर ने हेलसिंकी, फिनलैंड में यूरोपियन एसोसिएशन फाॅर इंटरनेशनल एजुकेशन (ईएआईई) काॅन्फ्रेंस के दौरान कैथोलिक यूनिवर्सिटी ऑफ द माले, चिली के साथ एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए। सहमति पत्र के तहत दोनों विश्वविद्यालय ट्रेनिंग, एजुकेशन और रिसर्च संबंधी कार्यों के लिए विद्यार्थियों और संकाय सदस्यों का आदान-प्रदान करेंगे। दोनों विश्वविद्यालय अल्पकालिक सतत शिक्षा कार्यक्रम भी आयोजित करेंगे और उनमें भाग लेने के लिए अन्य विश्वविद्यालय से संकाय सदस्यों को आमंत्रित करेंगे। इसके अलावा, विश्वविद्यालय संयुक्त रूप से सेमिनार, सम्मेलन और कार्यशालाएं आयोजित करेंगे, और इसके साथ ही अनुसंधान और प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। शुरुआती तौर पर दोनों विश्वविद्यालय 5 छात्रों और 2 संकाय सदस्यों को दूसरे के पास भेजेंगे। बीएसडीयू स्कूल ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप स्किल्स से छात्रों और संकाय सदस्यों को कैथोलिक यूनिवर्सिटी ऑफ द माले, चिली भेजेगा। बीएसडीयू के कुलपति डॉ (ब्रिगेडियर) सुरजीतसिंह पाब्ला और डायरेक्टर आॅफ एडमिशंस डॉ रविकुमार गोयल ने फिनलैंड में कैथोलिक यूनिवर्सिटी ऑफ द माले, चिली के अधिकारियों के साथ बैठक की और सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए। ईएआईई सम्मेलन 24 से 27 सितंबर तक फिनलैंड के हेलसिंकी में आयोजित किया गया, जिसमें 95 देशों के 2000 से अधिक विश्वविद्यालयों ने भाग लिया था। बीएसडीयू के कुलपति डॉ (ब्रिगेडियर) सुरजीतसिंह पाब्ला कहते हैं, “कैथोलिक यूनिवर्सिटी के साथ भागीदारी करना हमारे लिए बेहद खुशी का एक अवसर है, मुझे आशा है कि यह समझौता ज्ञापन हमारे संकाय सदस्यों और छात्रों के लिए और अधिक नए अवसर लेकर आएगा। इस एमओयू के माध्यम से हमारे संकाय सदस्यों और छात्रों को चिली जाने और किसी अन्य देश की जीवन शैली का अनुभव करने का अवसर हासिल होगा। निश्चित तौर पर यह एक्सपोजर विद्यार्थियों के कॅरियर के लिहाज से भी महत्वपूर्ण साबित होगा। छात्र नई चीजें सीखेंगे और जरूरी एक्सपोजर हासिल करेंगे जो उन्हें अपने पेशेवर जीवन में मदद करेगा।
2016 में स्थापित भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी (बीएसडीयू) भारत का पहला अनूठा कौशल विकास विश्वविद्यालय है, जिसे भारतीय युवाओं की प्रतिभाओं के विकास के लिए अवसर, स्थान और गुंजाइश बनाकर कौशल विकास के क्षेत्र में वैश्विक उत्कृष्टता पैदा करने की दृष्टि से उन्हें वैश्विक स्तर पर फिट बनाने के लिए कायम किया गया था। डॉ. राजेंद्र के जोशी और उनकी पत्नी श्रीमती उर्सुला जोशी के नेतृत्व और विचार प्रक्रिया के तहत नौकरी प्रशिक्षण और शिक्षा के लिए बीएसडीयू ने ‘स्विस-ड्यूल-सिस्टम’ स्विट्जरलैंड की तर्ज पर इसे स्थापित किया है। बीएसडीयू राजेंद्र उर्सुला जोशी चैरिटेबल ट्रस्ट के तहत एक शिक्षा उपक्रम है और राजेंद्र और उर्सुला जोशी (आरयूजे) समूह ने इस विश्वविद्यालय को 2020 तक 36 कौशल स्कूलों को स्थापित करने के लिए 500 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है।
विचार, कौशल विकास की स्विस प्रणाली को भारत में लाने का था, इस तरह भारत में आधुनिक कौशल विकास के जनक डॉ. राजेंद्र जोशी और उनकी पत्नी उर्सुला जोशी ने 2006 में स्विट्जरलैंड के विलेन में ’राजेंद्र एंड उर्सुला जोशी फाउंडेशन’ का गठन करते हुए इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया। बीएसडीयू का उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाली कौशल शिक्षा को बढ़ावा देना और सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, एडवांस डिप्लोमा और स्नातक, स्नातकोत्तर, डॉक्टरेट और विभिन्न कौशल के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए पोस्ट-डॉक्टरेट की डिग्री देते देते हुए ज्ञान की उन्नति और प्रसार करना है।