काम की बात
चूरू (कृष्णा क्याल) आजकल हम आए दिन ऐसी घटनाएं सुनते हैं ,जैसे कि एक बंद घर में वृद्ध महिला का काफी पुराना शव मिला या फिर कहीं बुजुर्गों को सड़क के किनारे अकेले भटकता हुआ देखा होगा या फिर किन्ही दुष्ट मनुष्यों द्वारा उन पर मारपीट वह अत्याचार करते हुए देखा होगा। गौर फरमाइए ऐसा क्यों होता हैं ? यह सब होता है मनुष्य की बढ़ती महत्वाकांक्षा, दिखावा, धन का लालच ,आपसी समन्वय, समय का अभाव, बुजुर्गों को बोझ समझना। आजकल बचपन में ही बच्चों को अपने दादा -दादी से दूर कर दिया जाता है। सभी माताएं यह तो सीखती है कि कैसे अपने बच्चे को संभाले, कैसे उसका ध्यान रखें , उनको क्या खिलाए – पिलाएं, पर कोई बुजुर्गों के लिए इस विषय पर नहीं लिखता या सोचता है तो आज हम सीखेंगे की कैसे बुजुर्गों का ध्यान रखना चाहिए :- (1) सबसे पहले आप किसी भी बुजुर्ग व्यक्ति से मिले तो उनके पांव छुए (2) उन से गले मिले ताकि उनको अपनेपन का एहसास हो (3) उनसे बातें कीजिए ताकि उनको लगे कि उनकी बातें सुनने वाला भी कोई इस घर में हैं (4) वृद्ध व्यक्तियों को खाने पीने का पूछिए और उन्हें समय से दवाई या जो भी जरूरत का सामान हो उपलब्ध कराइए (5) उन्हें किसी अच्छी जगह घुमाने के लिए लेकर जाएं जैसे :-पार्क आदि में (6) उनके साथ पूजा भजन में उनका सहयोग करें। बुजुर्ग व्यक्ति कोई हमारे घर का पुराना फर्नीचर नहीं है ,जो आप उसे कबाड़ में फेंक दोगे । बल्कि बुजुर्ग इंसान हमारे घर की वह कीमती वस्तु है जो अपने अनुभव से हम सबका भला करते हैं इसलिए अपने बड़े बुजुर्गों का ख्याल अवश्य रखिए।