मोहर्रम के अवसर पर बाजारों में उमड़ी भीड़
जनप्रतिनिधियों ने किया ताजियादारों का सम्मान
अखड़ेदारों ने दिए विभिन्न प्रकार के करतब
सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस जाप्ता रहा तैनात
रतनगढ़, [सुभाष प्रजापत ] मोहर्रम के तीन दिवसीय कार्यक्रम का समापन शनिवार को मातमी धुन के साथ ताजियों के दफन किए जाने से हुआ। ‘प्यासे थे कर्बला में मुस्तफा के जानी, दरिया भी हो रहा था गैरत से पानी-पानी…’ जैसे शेर की गूंज व ढ़ोल ताशों की आवाज सर्वत्र सुनाई पड़ रही थी। तीन दिवसीय आयोजन के अंतर्गत मेहंदी की रात, शहादत की रात व मुर्हरम की परंपरागत रस्म अदायगी की गई। शहर से विभिन्न स्थानों से निकले ताजियों की सजावट ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। समाज की पंचायत के मोहर्रम सहित तीन ताजिये निकाले गए। इस अवसर पर विभिन्न अखाड़ों के उस्तादों ने जगह-जगह लाठी की कला का प्रदर्शन किया। शहर के प्रमुख मार्गों से जुलूस के रूप में निकले ताजियों को देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ रही। वहीं दुकानों एवं मकानों की छतों पर बड़ी संख्या में मुस्लिम एवं अन्य समाज के लोगों ने न केवल अखाड़ेदारों के प्रदर्शन को देखा, बल्कि ताजियों का अंतिम दीदार भी किया। इस दौरान कांग्रेस नेता पूसाराम गोदारा, कांग्रेस नेता हेमंत सारस्वत, पूर्व प्रधान गिरधारीलाल बांगड़वा, अरविंद चाकलान ने पश्चिमी बाजार में ताजियादारों का सम्मान किया तथा ढोल बजाकर मोहर्रम में शिरकत की। शुक्रवार की देर रात अखाड़ों से मोहर्रम रवाना हुए, जो सुबह छह बजे गंतव्य स्थान पहुंचे तथा शनिवार दोपहर 12 बजे मोहर्रम का जुलूस रवाना हुआ, जो शाम सात बजे चूरू रोड स्थित कब्रिस्तान पहुंचा।