एफआर को नकार न्यायालय ने लिया प्रसंज्ञान, जमानती वारंट जारी कर किया तलब
दांता में चार वर्ष पहले लगा था एसआई रमेशचंद मीणा और तीन अन्य पर 13 वर्षीय बालिका से छेड़छाड़ का आरोप
दांतारामगढ़, [प्रदीप सैनी ] दांतारामगढ़ थाना इलाके में 13 वर्षीय बालिका से छेड़छाड़ के मामले में तत्कालीन दांता चौकी प्रभारी एसआई रमेश मीणा पर पोक्सो एक्ट के आरोप की तलवार लटक गई हैं। विशिष्ट न्यायाधीश पोक्सो क्रम-2 अशोक चौधरी ने इस मामले में पुलिस की ओर से पेश एफआर पर प्रसंज्ञान लेते हुए एसआई रमेशचंद मीणा व तीन अन्य को 19 अक्टूबर को जमानती वारंट से तलब किया है। मामला वर्ष 2018 का हैं। क्षेत्र की महिला ने न्यायालय में पेश इस्तगासे के आधार पर थाने में मामला दर्ज करवाया था कि दांता चौकी प्रभारी रमेशचंद मीणा, दांता निवासी देवीप्रसाद पौद्दार, बलदेवदास और इकबाल चौबदार उसके घर आए। यह चारों लोग उसकी 13 वर्षीय बेटी को यह कहकर घर से ले गए कि वह उसके माता-पिता से मिलाने ले जा रहे हैं। आरोपी बालिका को झाड़ली तलाई में लेकर गए। वहां पर बालिका के साथ अश्लील हरकतें की गई। साथ ही बालिका को धमकी दी कि यह जानकारी परिवार के लोगों को देने पर उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाकर उनकी जिदगी बरबाद कर देंगे। ऐसे में बालिका डर गई। बालिका ने 26, जून 2018 को परिजनों को बताया।
न्यायालय ने एफआर अस्वीकार कर एसपी के पास भेजी फाइल
इस मामले में पोक्सो न्यायालय ने पुलिस की ओर से पेश एफआर को अस्वीकार कर दिया। वर्ष 2019 में 8 फरवरी को न्यायालय ने आदेश दिया कि घटना के समय पीड़िता की उम्र 13 वर्ष की होना पाया गया हैं। पुलिस के जांच अधिकारी ने अनुसंधान में पोक्सो अधिनियम के मूल उद्देश्यों का ध्यान नहीं रखा। मामले की जांच की दिशा केवल इसी तरफ रखी गई कि प्रकरण में आरोपियों की संलिप्तता का निवारण किस तरह किया जाए। प्रकरण का उचित प्रकार से अनुसंधान नहीं किया गया हैं। न्यायालय ने पुलिस की ओर से पेश एफआर अदम वकू झूट को अस्वीकार कर उचित तरीके से अनुसंधान करवाने के लिए पत्रावली को वापस पुलिस अधीक्षक के पास भेज दिया। साथ ही एक माह में न्यायालय में नतीजा पेश करने के आदेश दिए गए थे। इस पर एएसपी सीकर से मामले की जांच करवाई गई। जांच के बाद बाद पुलिस ने फिर एफआर पेश कर दी। इस पर पीड़िता ने अपने अधिवक्ता कानपुरी गोस्वामी के माध्यम से आपत्ति याचिका पेश की। पीड़िता, उसकी मां व तीन अन्य गवाहों के बयान न्यायालय में करवाए गए।
पुलिस ने मामले को माना झूठा
मामले की जांच पहले एसआई सवाई सिंह और बाद में सीआई हिम्मत सिंह ने की। पुलिस ने मामले की जांच में माना कि किसी मामले में दबाव बनाने के लिए महिला ने अपनी बेटी के अपहरण और अश्लील हरकत करने की झूठी कहानी रचकर मामला दर्ज करवाया हैं। सत्यापन के लिए एसपी के आदेश से यह मामला नीमकाथाना एएसपी के पास भेजा गया। एएसपी ने भी मामले को झूठ मानकर न्यायालय में एफआर पेश कर दी।
न्यायालय ने कहा- प्रसंज्ञान लेने का पर्याप्त आधार
इस मामले में न्यायालय ने कहा है कि आरोपियों के खिलाफ प्रसज्ञान लिए जाने का पर्याप्त आधार हैं। ऐसे में तत्कालीन एसआई रमेशचंद मीणा और इकबाल चौबदार के खिलाफ पोक्सो एक्ट तथा देवीप्रसाद व बलदेवदास के खिलाफ धारा 448, 120 बी के तहत प्रसंज्ञान लिया जाकर आरोपियों को 19 अक्टूबर को 20 हजार रुपए के जमानती वारंट से तलब किया हैं।