झुंझुनू जिला कलेक्टर को
झुंझुनू जिला मुख्यालय पर आज मंगलवार को जिला कलेक्टर को चार अलग-अलग मामलों में ज्ञापन सौपे गए। पहले मामले में राजस्थान शारीरिक शिक्षा शिक्षक संघ द्वारा कलेक्ट्रेट पर एक दिन का सांकेतिक धरना दिया गया। जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन में बताया गया कि प्रत्येक राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक के बाद दूसरा पद शारीरिक शिक्षक आवंटित किया जाए। साथ ही स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा विषय को अनिवार्य लागू करते हुए पुस्तके निशुल्क वितरित की जाए तथा परिणाम परीक्षाफल में जोड़ा जाए। शारीरिक शिक्षक एवं सामान्य शिक्षक की डीपीसी मानते हुए समानता से पदोन्नति का अवसर दिया जाए। दूसरे मामले में छात्र संगठन एसएफआई द्वारा जिला कलेक्टर को खेल यूनिवर्सिटी के संबंध में प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में बताया गया कि 6 साल पहले झुंझुनू में खेल यूनिवर्सिटी की घोषणा हुई थी अभी तक उसको धरातल पर लाने के लिए कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई है वहीं सरकार अब जोधपुर फिजिकल कॉलेज में खेल यूनिवर्सिटी खोलने व संसाधनों को लेकर एक प्रस्ताव मांगा है। खेल यूनिवर्सिटी झुंझुनू का हक है दूसरी जगह जगह भेजना झुंझुनू जिले के छात्र और नौजवानों के साथ अन्याय होगा एसएफआई ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि शीघ्र ही हमारी मांग का निराकरण नहीं किया गया तो जिला स्तर पर बड़ा आंदोलन किया जाएगा। वहीं तीसरे मामले में झुंझुनू ब्राह्मण समाज द्वारा मुख्यमंत्री के नाम अतिरिक्त जिला कलेक्टर को स्वर्ण आरक्षण से जमीन व फ्लैट की शर्ते हटाने एवं वार्षिक आय का पैमाना मानने के संबंध में एक ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन द्वारा राजस्थान राज्य में गुजरात, उत्तराखंड राज्य की तर्ज पर जमीन व फ्लैट की शर्त को हटाने के लिए राज्य सरकार से मांग की गई है। इस शर्त के अनुसार राज्य के युवाओ को इस आरक्षण का फायदा नहीं मिल पा रहा है इस अव्यावहारिक शर्त को हटाया जाना चाहिए जिससे कि स्वर्ण समाज के युवाओं को आरक्षण का लाभ मिल सके। ओबीसी आरक्षण की तरह से ही इसे बनाया जाए। आरक्षण के लिए शहर में 100 वर्ग गज भूमि व ग्रामीण क्षेत्र में 200 वर्ग गज भूमि ही होनी चाहिए। पैतृक संपत्ति में भूमि प्राप्त होने व इस भूमि से किसी प्रकार की आय नहीं होने के कारण यह नियम न्याय संगत नहीं है। चौथे मामले में ग्राम पंचायत मोई सद्दा पंचायत समिति बुहाना के ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत के पुनर्गठन, परिसीमन व नवसृजन के प्रसंग में जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया गया कि ग्राम पंचायत मोई सद्दा की आबादी 5030 है। राज्य सरकार के नियमानुसार 6500 से अधिक आबादी की पंचायतों का परिसीमन व नवसृजन होना चाहिए इस तरह नियम विरूद्ध ग्राम पंचायत मोई सद्दा को 4 पंचायतों में शामिल कर ग्राम पंचायत को खंडित करने का प्रस्ताव उपखंड अधिकारी ने आपको भेजा है। ज्ञापन में आगे बताया गया कि मोई सद्दा पंचायत के ग्राम कुठानिया को ग्राम पंचायत माकड़ो में लगा रहे हैं जबकि इसी ग्राम पंचायत की ढाणी हुक्मा को मोई सद्दा में लगाया गया है। ढाणी हुकमा व माकड़ो को यथास्थिति में रखते हुए माकड़ो ग्राम पंचायत सही है। कुछ लोग राजनीतिक स्वार्थों के चलते पंचायत को खंडित करने पर आमादा है नियमानुसार ग्राम पंचायत मोई सद्दा को यथास्थिति में रखा जाए। ज्ञापन देने वालों में अनेक ग्राम वासी उपस्थित थे।