सात वर्ष की मासूम के दिल की बीमारी का हुआ उपचार
मजदूर पिता र्आथिक संकट के चलते नहीं करवा पा रहा था उपचार
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत हुआ निःशुल्क उपचार
चूरू, जिले के रतनगढ़ तहसील के पायली गांव की सात वर्ष की मासूम के हृदय रोग की बात सुनते ही मजदूर पिता के सामने एक तरफ बेटी के स्वास्थ्य की चिंता आकर खड़ी हो गई, तो दूसरी तरफ र्आथिक संकट का पहाड़ टूट पड़ा। ऎसे में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत बेटी का निःशुल्क उपचार हुआ तो परिवार के चेहरे पर खुशियां छा गई। आरसीएचओ डाॅ. सुनील जांदू ने बताया कि चूरू जिले के रतनगढ़ तहसील के पायली गांव का बनवारी मजदूरी करके जीवन यापन कर रहा है। बनवारी की सात वर्ष की बेटी कौशल्या के हृदय रोग से ग्रसित होने के कारण परेशानी होती थी। राजकीय स्कूल में कक्षा दो में पढ़ने वाली कौशल्या की आरबीएसके टीम की डाॅ. संगीता सांगवान की ओर से जांच की गई। जांच में हृदय रोग की बीमारी सामने आई। इस पर टीम ने उसे चूरू के डीआईसी सेंटर पर रैफर कर दिया। डीआईसी सेंटर के प्रबंधक बिजेन्द्र भाटी ने बताया कि यहां पर डाॅ. इकराम ने बच्ची की जांच कर ऑपरेशन की सलाह दी तथा जयपुर रैफर कर दिया। मासूम के माता-पिता मजदूरी कर जीवन यापन करते हैं। र्आथिक तंगी के कारण जयपुर जाने तक के लिए पैसे नही थे, तब टीम के डॉ. सुरेश कुमावत ने र्आथिक सहयोग किया तो परिजन बालिका को लेकर जयपुर पहुंचे। जयपुर के संतोकबा दुर्लभजी अस्पताल में बच्ची का आरबीएसके माध्यम से उपचार किया गया। चार भाई बहनों मे सबसे बड़ी कौशल्या अब दिल खोलकर खेल सकेगी।