पंचायती राज संस्थाओं में
झुंझुनूं, पंचायती राज तथा ग्रामीण विकास की सभी योजनाओं का संचालन कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के माध्यम से करना अब सभी संस्थाओं के लिये बाध्यकारी हो चुका है। अब स्थानीय जन प्रतिनिधियों और अधिकारियों के लिये संभव नही है कि वे पूर्व में स्वीकृत कार्यक्रम को अपनी मर्जी से कभी भी तब्दील कर दें। गुरुवार को जिला परिषद सभागार में जिले के ग्राम विकास अधिकारियों के ई पंचायत प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामनिवास जाट ने कहीं उन्होंने सभी ग्राम स्तरीय अधिकारियों को नये सॉफ्टवेयर में ढलने का सुझाव दिया। जाट ने कहा कि कंप्यूटर सॉफ्टवेयर पंचायती राज संस्थाओं में वितीय अनुशासन कायम करेगा। ग्राम पंचायतें अपनी सालाना जरूरतों का जीपीडीपी प्लान मार्च माह तक तैयार कर एक्शन सॉफ्ट में फ्रीज करवा दें,ताकि बजट की उपलब्धता के आधार पर प्लान के अनुसार कार्य करवाया जा सके। जिला प्रोग्रामर कपिल देगरा ने गत पांच साल के दौरान पूर्ण करवाये गये कार्यों को सॉफ्टवेयर में डालने, प्लान प्लस के अनुसार नये कार्यों को ऑनलाइन करने की तकनीकी जानकारी दी। प्रशिक्षण में आईईसी समन्वयक अजीत सिंह बिजारणिया, स्वस्थ भारत मिशन डीपीसी सुमन चौधरी एवं जिला परिषद स्टाफ सहित 49 ग्राम पंचायतों के ग्राम विकास अधिकारी उपस्थित थे!