मुंबई के राजभवन में हुआ विशेष आयोजन
झुंझुनू, श्री जगदीश प्रसाद झाबरमल टीबड़ेवाला विश्वविद्यालय की ओर से मुंबई के राजभवन में विशेष दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में महाराष्ट्र के गवर्नर डॉ भगत सिंह कोश्यारी थे। इस समारोह में आसाम के गवर्नर प्रो. जगदीश प्रसाद मुखी को मानद डीलिट् की डिग्री यूनिवर्सिटी के चेयरमैन डॉ विनोद टीबड़ेवाला के द्वारा प्रदान की गई। महाराष्ट्र के राज्यपाल कोश्यारी ने मानद उपाधि प्राप्त करने वाले गर्वनर जगदीश मुखी को बधाई दी और कहा कि राजस्थान की मिट्टी में ही ऐसी सुगंध है कि टीबड़ेवाला निकले तो थे व्यवसाय करने लेकिन उनमें परोपकार करने की भावना है। जिन्होंने शिक्षा, चिकित्सा, सामाजिक सरोकार कर देश भर में नाम कमाया है। उन्होंने कहा कि धोरों की धरती पर विश्वविद्यालय का निर्माण कराना कोई आसान बात नहीं है और उसमें भी डीलिट् की उपाधि के लिए योग्य व्यक्ति को ढूंढ लाना भी आसान काम नहीं है। कार्यक्रम में आसाम के राज्यपाल जगदीश मुखी मानद डीलिट् उपाधि प्राप्त कर अभिभुत हुए और उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि रूरल एरिया में विश्वविद्यालय का निर्माण करवाकर टीबड़ेवाला ने एक इतिहास रचा है। इस यूनिवर्सिटी से ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को दूर दराज नहीं जाना पड़ेगा, उन्हें उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि आधुनिक युग में ऐसे विश्वविद्यालयों की महत्ती आवश्यकता है। भामाशाहों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे आकर समाज को नई दिशा देनी होगी। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ टीबड़ेवाला ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह देश के 19वें गर्वनर है जिन्हें यह उपाधि प्रदान की गई है। इससे पहले भारत के विभिन्न राज्यों के 18 गर्वनर को मानद की डीलिट् उपाधि से अलंकृत किया जा चुका है। टीबड़ेवाला ने कहा आगे भविष्य में भी योग्य व्यक्तियों को यह उपाधि प्रदान करते रहेंगे और शिक्षा के क्षेत्र में और आगे बढ़ेंगे। डॉ वी एस वलेचा, डॉ अंजू सिंह, विशाल टीबड़ेवाला, श्रीमती उमा टीबड़ेवाला, रामअवतार अग्रवाल, डॉ दीनदयाल मोरारका, डॉ स्वाति देसाई, डॉ लक्ष्मीकांत दानी, डॉ फैयाज, डॉ बनमाली चतुर्वेदी, प्रो सुमित्रा प्रवीण के अलावा संस्था के ट्रस्टी एवं कमेटी सदस्यों एवं गणमान्य मौजूद रहे।