मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर
सादुलपुर,[ओमप्रकाश] देश में पिछले एक महीने से लॉकडाउन जारी है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अपील पर संपूर्ण देश एवं प्रदेशवासी लॉक डाउन की पालन हेतु प्रयासरत है। वहीं समय-समय पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कोरोना योद्धाओं का भी हौसला व उत्साह बढ़ाते नजर आते हैं। कोरोना योद्धाओं में डॉक्टर्स, पुलिसकर्मी, सफाईकर्मी शिक्षक व प्रशासन व मीडिया कर्मियों का विशेष योगदान नजर आता है, जो आमजन के लिए पूरी तरह से मुस्तैद होने का दावा करते हैं। इन्ही योद्धाओं में प्रदेश के अनेकों चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर पूरी मुस्तैदी के साथ अपनी सेवा देने में जुटे है, जिनमें इनका त्याग व बलिदान से कोई भी अछूता नहीं है। ऐसी ही चूरू जिले की राजगढ तहसील के वार्ड 33 निवासी एवं स्पेशल एज्यूकेटर हरीश कुमार द्वारा की गई अनूठी पहल में सामने आई है। जिसमें स्पेशल एज्यकेशन से प्रशिक्षित युवक हरीश कुमार ने अपने शरीर पर पूरे विश्व में फैली वैश्विक महामारी कोरोना की वैक्सीन परीक्षण के लिए अपना शरीरदान की घोषणा कर अपनी सहमति प्रदान की है। हरीश कुमार ने अपने पत्र में बताया कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से जहां आज सम्पूर्ण विश्व के कई देशों के साथ अपना देश और प्रदेश भी संकट से जूझ रहा है। प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग इस कोरोना महामारी से संक्रमित होते जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में अगर कोरोना वायरस की दवाई के प्रयोग के लिए प्रदेश के चिकित्सकों को मानव शरीर की आवश्यकता है, तो मैं इसके लिए तैयार हूं, अगर वैक्सीन का प्रयोग सफल रहता है, तो हमारे चिकित्सक लाखों लोगों का जीवन बचाने में सफल हो सकेंगे। हरीश कुमार ने बताया कि मानव हित के लिए इससे बड़ा ओर कोई परोपकार नहीं हो सकता और इस वैक्सीन परीक्षण को मैं मेरे शरीर पर परीक्षण करने की सहमति प्रदान करता हूं। अगर परीक्षण के दौरान मेरी जान भी चली जाती है तो भी मुझे इसका कोई गम नहीं है। ज्ञात रहे कि हरीश कुमार सादुलपुर क्षेत्र से राष्ट्रदूत के संवादाता एवं सच कहूँ के स्पेशल काॅरसपाॅडेन्ट ओमप्रकाश के पुत्र है।