आदर्श समाज समिति इंडिया ने
झुन्झुनूं, आज सोमवार को आदर्श समाज समिति इंडिया के तत्वाधान में सूरजगढ़ नायब तहसीलदार सतीश राव को प्रधानमंत्री और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के नाम ज्ञापन देकर देश में तीव्र गति से बढ़ रहे कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने और देश हित में सभी स्वास्थ्य सेवाओं का राष्ट्रीयकरण किये जाने की मांग उठाई है। आदर्श समाज समिति इंडिया के अध्यक्ष धर्मपाल गांधी ने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का संक्रमण देश में बहुत तेजी से फैल रहा है। कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या एक लाख के पास पहुंच गई है। वहीं कोरोना से मरने वालों की संख्या तीन हजार के पास पहुंच गई है। जो बहुत चिंता का विषय है। जिस तीव्र गति से कोरोना वायरस का संक्रमण फैल रहा है।आने वाला समय देश के लिए अत्यंत परेशानियों से भरा होगा। कोविड-19 के खिलाफ हमारी जंग में चिकित्सक, प्रशासनिक अधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता, सफाईकर्मी, स्वास्थ्यकर्मी और सुरक्षाकर्मी नायक रहे हैं।लेकिन समय पर निजी सुरक्षा उपकरण नहीं मिलने की वजह से इन कोरोना योद्धाओं में भी संक्रमण फैल गया,जिसकी वजह से कई योद्धाओं को जान से हाथ धोना पड़ा है। सुरक्षा उपकरणों की कमी के कारण कोरोना योद्धाओं को संक्रमित होते देखकर बहुत कष्ट होता है। कोरोना वायरस का संक्रमण जब विदेशों में तबाही मचा रहा था। तब हमने कोरोना से लड़ने की कोई तैयारी नहीं की। यह हमारी बहुत बड़ी लापरवाही रही है,जिसका खामियाजा हमें आज भुगतना पड़ रहा है। देश में आधुनिक राजकीय हॉस्पिटल, अस्पताल की शैया, वेंटिलेटर, जाँच किट व अन्य आधुनिक चिकित्सा उपकरणों की भारी किल्लत है। किल्लत दूर करने की कोशिश की जा रही है। लेकिन यह सब अल्पकालिक उपाय ही हैं। देश में स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा खस्ताहाल है और उसके उन्नयन की जरूरत है। स्वास्थ्य बजट को बढ़ाकर जीडीपी का कम से कम चार प्रतिशत स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सुरक्षित किया जाना चाहिये। स्वास्थ्य सेवाओं में बड़े राहत पैकेज के साथ सरकारी बजट का कम से कम बीस प्रतिशत हिस्सा सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों में लगाने की आवश्यकता है। अन्य देशों के मुकाबले हमारे देश की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की सख्त आवश्यकता है। किसी भी देश में स्वास्थ्य का अधिकार जनता का पहला बुनियादी अधिकार होता है। स्वस्थ नागरिक ही एक स्वस्थ व विकसित देश के निर्माणकारी तत्व होते हैं। कोरोना वायरस की वजह से बिगड़ते हालातों में सभी के लिए स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में क्रांतिकारी परिवर्तन किया जाना जरूरी है। हमारे देश में स्वास्थ्य सेवाएं अत्यधिक महंगी हैं, जो गरीबों की पहुंच से काफी दूर हो गई हैं। स्वास्थ्य शिक्षा भोजन व आवास जीवन की मूलभूत आवश्यकताएं हैं। हम एक राष्ट्र के रूप में इस लक्ष्य की प्राप्ति में असफल रहे हैं। स्वास्थ्य सेवाएं कॉरपोरेट के हाथों गिरवी हैं। स्वास्थ्य सेवाओं का निजीकरण जारी है, जिससे आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। देश के लोगों की सुरक्षा और स्वास्थ्य की जिम्मेदारी यकीनन सरकार की है। इसलिये कोरोना महामारी से बचने के लिए फ़ौरन सख्त कदम उठाने की जरूरत है। जरा सी लापरवाही और चूक घातक साबित हो सकती है। देश में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने और स्वास्थ्य क्षेत्र का कायाकल्प करने के लिए स्वास्थ्य प्रणाली का राष्ट्रीयकरण किया जाना जरूरी है। जिस तरह कोरोना वायरस से जंग लड़ने के लिए देशव्यापी लॉक डाउन का फैसला लिया गया। उसी तरह देशवासियों की सुरक्षा के लिए देश हित में स्वास्थ्य सेवाओं के राष्ट्रीयकरण का फैसला लिया जाना चाहिये। सामाजिक कार्यकर्ता पवन कुमार मेघवाल ने कहा कि भारत की 70 फ़ीसदी आबादी गांवों में रहती है। अगर कोरोना वायरस का संक्रमण गांवों में फैल गया तो नियंत्रण करना बहुत मुश्किल हो जायेगा। इसलिए समय रहते अविलंब सभी स्वास्थ्य सेवाओं का राष्ट्रीयकरण किया जाये और देशवासियों को कोरोना महामारी से बचाया जाये। ज्ञापन देने में पंचायत समिति सदस्य मोतीलाल यादव, पवन कुमार मेघवाल, महेंद्र सिंह बरवड़, एडवोकेट हवासिंह चौहान, मनजीत सिंह तंवर, रवि कुमार, धर्मपाल गांधी, राजेंद्र कुमार, संजय कुमार, अमित कुमार, दिनेश आदि का सहयोग रहा।