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कमलेश कुमार तेतरवाल, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी झुंझुनूं
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झुंझुनू, भारत में कोरोना की दस्तक सुनते ही केंद्र व राज्य सरकारें सतर्क हो गयी तथा विभिन्न प्रकार की एडवाइजरी जारी करने के साथ ही इस महामारी का मुकाबला करने के लिए सामान्य प्रशासन, पुलिसकर्मी, चिकित्साकर्मी, सफाईकर्मी तथा अन्य विभिन्न प्रकार की सेवाओं के अधिकारियों और कर्मचारियों को विभिन्न दायित्व सौंपे गए। सभी अपने अपने कार्यक्षेत्र में पूरी मेहनत के साथ दिन रात लगे हुए हैं तथा देश को इस संकट से बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। देश में कोरोना योद्धाओं की इस श्रृंखला में देश का शिक्षक समुदाय भी इस महामारी के मुकाबले में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। सामान्य प्रशासन, पुलिसकर्मी, चिकित्साकर्मी, सफाईकर्मी आदि सभी बहुत अच्छा काम कर रहे हैं लेकिन वे सब अपना वही मूल काम कर रहे हैं जो करते आये है और उसका प्रशिक्षण व अनुभव रखते हैं जबकि देश के शिक्षक इस जंग में अपने मूल काम के बजाय अलग प्रकार दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। वे जिला प्रशासन, शिक्षा ,चिकित्सा, पुलिस सभी विभागों के आदेशों व निर्देशों की पालना में क्वारन्टीन व आइसोलेशन सेंटर्स पर ड्यूटी, होम आईसोलेशन वालों की निगरानी, फील्ड में चिकित्साकर्मियों के साथ घर घर सर्वे, जरूरतमंद लोगों की पहचान कर उनको समय पर राशन वितरण व सोशियल डिस्टेंसिंग रखवाने जैसे अनेक प्रकार के कार्य कर रहे हैं। इन सबके साथ साथ विभागीय निर्देशानुसार अपने विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था भी कर रहे हैं। दिन भर काम करने के बाद भी सबसे महत्वपूर्ण काम चौबीस घंटे कर रहे हैं वो है कस्बों व गांवो में संदिग्ध व पलायन करके आए हुए लोगों की पहचान करना तथा उसकी प्रशासन तक सूचना पहुंचाना। यह किसी इंटेलिजेंस एजेंसी के जासूस से कम जिम्मेदारी नहीं है। ये काम शिक्षकों से बेहतर कोई नही कर सकता। इन शिक्षकों को ऐसे किसी काम का ना कभी कोई प्रशिक्षण मिला है न पहले का कोई अनुभव है फिर भी चाहे सुरक्षा उपकरण मिले या ना मिले अपने स्वयं के प्रयासों से मास्क,सैनिटाइजर आदि की व्यवस्था करते हुए दिन रात इस संकट का मुकाबला करने में जुटे हुए हैं। प्रदेश के शिक्षा अधिकारी भी जिला व ब्लॉक स्तरीय प्रशासनिक, पुलिस व चिकित्सा अधिकारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर दिन रात काम कर रहे हैं।कोरोना संकट के बारे में कल मेरी प्रदेश के एक जिला कलेक्टर महोदय से बात हुई कि आपके वहां क्या हालात है तो उन्होंने बहुत ही गर्व करने वाली बात कही कि “सामान्य प्रशासन, पुलिसकर्मी, चिकित्साकर्मी व सफाई कर्मी जिस तरह से दिन रात काम कर रहे हैं मैं उनको सलाम करता हूँ लेकिन मैं डबल सलाम उन शिक्षकों को करता हूं जो अपना मूल काम नहीं होने के बावजूद बिना प्रशिक्षण व अनुभव के भी दिन रात बहुत ही जोश व जूनून के साथ शानदार कार्य कर रहे हैं।” गर्व से सीना चौड़ा हो जाता है जब आईएएस अधिकारी हमारे शिक्षक की कर्तव्यनिष्ठा व कार्य क्षमता की प्रशंसा करते है। राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने भी अपने फेसबुक लाइव प्रोग्राम में इस बात को गर्व से कहा कि राजस्थान में लगभग दो लाख शिक्षक कोरोना की जंग में सरकार के साथ जुटे हुए हैं तथा बिना किसी शिकायत के अपना काम कर रहे हैं और इतने ही शिक्षक ड्यूटी आदेशों के इंतजार में तैयार बैठे हैं। एक बार फिर शिक्षक समुदाय ने इस बात को साबित किया है कि इस देश की कोई भी महत्वपूर्ण योजना, अभियान या प्राकृतिक आपदा हो उसमें शिक्षक समुदाय अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सभी कोरोना वारियर्स शिक्षकों को अपने मिशन की सफलता की शुभकामनाएं।