लंबे समय से विभाग ने नियुक्ति को बना रखा था पेचीदा
झुंझुनू, शहर के वार्ड 32,मोहल्ला खटीकान के विकास ने कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा- 2013 में झुंझुनूं से एससी वर्ग से आवेदन कर भाग लिया था। उच्च प्राप्तांक के बाद विभाग के मेडिकल बोर्ड ने उसे अनफिट घोषित कर अयोग्य करार दे दिया था। इस पर, प्रार्थी ने एडवोकेट संजय महला के जरिए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पुलिस विभाग के गठित मेडिकल बोर्ड द्वारा अनफिट किये जाने को चुनौती दी। इस पर कोर्ट ने राज्य के गृह सचिव, डीजीपी व एसपी झुंझुनूं को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। बहस में एडवोकेट संजय महला ने नए सिरे से मेडिकल बोर्ड गठन की मांग की, जिसे कोर्ट ने स्वीकार अभ्यर्थी की नए सिरे से जाँच की गई। बोर्ड ने प्रार्थी को फिट करार देकर जाँच रिपोर्ट कोर्ट में पेश की। दोनो पक्षों की सुनवाई के बाद कोर्ट ने प्रार्थी की याचिका को मंजूर कर उसे झुंझुनूं जिले में एससी वर्ग में पद सृजित कर चार सप्ताह में कॉन्स्टेबल पद पर तुरंत नियुक्ति देने के आदेश दिए। सरकार ने इस निर्णय के विरुद्ध दो जजो की खंडपीठ के समक्ष अपील दायर कर चुनौती दी। खंडपीठ के समक्ष बहस में सरकार ने भर्ती पुरानी होने व सीट नही होने का तर्क दिया दूसरी ओर प्रार्थी की ओर से एडवोकेट महला ने एकल पीठ के निर्णय को बहाल रख सरकार की अपील खारिज करने की मांग की। इस पर कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए अपील खारिज कर एकल पीठ का नियुक्ति दिए जाने का फैसला बरकरार रखा। इस पर भी विभाग ने जब हठधर्मिता बनाये रखी, तब प्रार्थी की ओर से नियुक्ति देने के आदेश के क्रियान्वयन व दोषी शीर्ष अधिकारियों गृह सचिव, डीजीपी व एसपी झुन्झुनू के विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही के लिए अवमानना याचिका दायर की। कोर्ट ने इन अधिकारियों के विरुद्ध कड़ा रुख अपनाते हुए नोटिस जारी कर जवाब तलब कर प्रकरण आगामी 6 जुलाई को सुनवाई हेतु रखा। इसी दौरान एसपी झुन्झुनू ने नियुक्ति देने बाबत त्वरित कार्यवाही करते हुए, 23 जून को आदेश जारी कर प्रमुख चिकित्सा अधिकारी राज. बीडीके अस्पताल को लिखा है कि वह अभ्यर्थी के स्वास्थ्य बाबत जाँच कर ,रिपोर्ट तुरंत प्रस्तुत करे, जिससे प्रार्थी को कॉन्स्टेबल पद पर नियुक्ति दी जा सके। इस आदेश की पालना में आज प्रार्थी की जाँच संबंधी प्रक्रिया पूरी कर ,कोर्ट आदेश की पालना में प्रार्थी को राहत दे दी गयी।