झुंझुनू, राष्ट्रीय साहित्यिक व सामाजिक संस्थान आदर्श समाज समिति इंडिया के तत्वाधान में दिव्य ज्योति लाइब्रेरी बगड़ में रणजीत सिंह चंदेलिया के नेतृत्व में भारतीय राजनीति के शिखर पुरुष पूर्व उप प्रधानमंत्री, दलितों के मसीहा, 1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध की ऐतिहासिक जीत के हीरो तत्कालीन रक्षा मंत्री, महान स्वतंत्रता सेनानी, संविधान सभा के सदस्य, देश के प्रथम श्रम मंत्री बाबू जगजीवन राम और देश की प्रथम महिला बैरिस्टर कार्नेलिया सोराबजी की पुण्यतिथि मनाई। कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने दोनों महान विभूतियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके जीवन दर्शन पर विचार व्यक्त किये। लाइब्रेरी में पढ़ने वाले बच्चों को धर्मपाल गांधी द्वारा ज्ञानवर्धक बातें बताईं गईं। आदर्श समाज समिति इंडिया के अध्यक्ष धर्मपाल गांधी ने कहा- दलित के घर जन्म लेकर भारतीय राजनीति के क्षितिज पर छाने वाले महान राजनेता बाबू जगजीवन राम का राष्ट्र के निर्माण में विशेष योगदान है। लगभग 50 वर्षों के संसदीय जीवन में राष्ट्र के प्रति उनका समर्पण और निष्ठा बेमिसाल है। उनका संपूर्ण जीवन राजनीतिक, सामाजिक सक्रियता और विशिष्ट उपलब्धियों से भरा हुआ है। सदियों से शोषित और उत्पीड़ित दलितों, मजदूरों के मूलभूत अधिकारों की रक्षा के लिए बाबू जगजीवन राम द्वारा किए गए कानूनी प्रावधान ऐतिहासिक हैं।जगजीवन राम का ऐसा व्यक्तित्व था, जिन्होंने कभी अन्याय से समझौता नहीं किया और दलितों के सम्मान के लिए हमेशा संघर्षरत रहे। युवा नेता रणजीत सिंह चंदेलिया ने बाबू जगजीवन राम के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा- बाबू जगजीवन राम को 1946 से 1952 तक देश के प्रथम श्रम मंत्री बने रहने का गौरव हासिल है। भारत की संसद को बाबू जगजीवन राम अपना दूसरा घर मानते थे। 1952 में उन्हें नेहरू जी ने ‘संचार मंत्री’ बनाया। उस समय संचार मंत्रालय में ही विमानन विभाग भी था। उन्होंने निजी विमानन कंपनियों का राष्ट्रीयकरण किया और गांवों में डाकखानों का नेटवर्क विकसित किया। बाद में नेहरू जी ने उन्हें रेल मंत्री बनाया। उस समय उन्होंने रेलवे के आधुनिकीकरण की बुनियाद डाली और रेलवे कर्मचारियों के लिए कल्याणकारी योजनाएं प्रारम्भ की। उन्हीं के प्रयास से आज रेलवे देश का सबसे बड़ा विभाग है। वे सासाराम क्षेत्र से आठ बार चुनकर संसद में गए और भिन्न-भिन्न मंत्रालय के मंत्री के रूप में कार्य किया। वे 1952 से 1984 तक लगातार सांसद चुने गए। बाबूजी के प्रयत्नों से गांव-गांव तक डाक और तारघरों की व्यवस्था का विस्तार हुआ। रेलमंत्री के रूप में बाबूजी ने देश को आत्म-निर्भर बनाने के लिए वाराणसी में डीजल इंजन कारख़ाना, पैरम्बूर में ‘सवारी डिब्बा कारख़ाना’ और बिहार के जमालपुर में ‘माल डिब्बा कारख़ाना’ की स्थापना की। देश की जिस बेशकीमती संपत्ति को आज मोदी सरकार बेच रही है, उसकी स्थापना बाबू जगजीवन राम जैसे हमारे राष्ट्र निर्माताओं द्वारा की गई थी। संचार मंत्री रहते हुए बाबू जगजीवन राम ने निजी हवाई सेवाओं के राष्ट्रीयकरण की दिशा में सफल प्रयोग किया। फलस्वरूप ‘वायु सेना निगम’ बना और इंडियन एयरलाइंस व एयर इंडिया की स्थापना हुई। जिसको मोदी सरकार ने टाटा कंपनी को बेच दिया है। बाबू जगजीवन राम ने श्रम मंत्री, रेल मंत्री, कृषि मंत्री, संचार मंत्री, रक्षा मंत्री व उप प्रधानमंत्री रहते हुए इमानदारी से राष्ट्र की सेवा की। बाबू जगजीवन राम उन बारह राष्ट्रीय नेताओं में से एक थे, जिन्हें अंतरिम सरकार के गठन के लिए लार्ड वावेल ने अगस्त 1946 में आमंत्रित किया था। संविधान के निर्माणकर्ताओं में से एक बाबूजी ने सदा सामाजिक न्याय को सर्वोपरि माना। विद्यार्थी जीवन से दलित होने का दंश झेला लेकिन कभी किसी धर्म या जाति के खिलाफ नफरत फैलाने का काम नहीं किया। प्रलोभन का लालच देने के बावजूद भी धर्म परिवर्तन नहीं किया। ऐसे महापुरुष को हम नमन करते हैं। प्रथम महिला बैरिस्टर कार्नेलिया सोराबजी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए धर्मपाल गांधी ने कहा- भारत की पहली महिला बैरिस्टर बनने का गौरव कार्नेलिया सोराबजी ने आजादी से बहुत पहले हासिल किया था। कार्नेलिया सोराबजी बॉम्बे यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने वाली पहली युवती थी और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में कानून की पढ़ाई करने वाली पहली महिला थी। कार्नेलिया सोराबजी की बदौलत ही भारत और ब्रिटेन में महिलाओं को वकालत करने का अधिकार मिला। वे बैरिस्टर होने के साथ एक समाज सुधारक और लेखिका भी थी। 6 जुलाई 1954 में उन्होंने लंदन में दुनिया को अलविदा कहा। 2012 में लंदन के लिंकन इन में उनकी प्रतिमा का अनावरण किया गया। महान आत्मा को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। इस मौके पर पूर्व पार्षद श्यामलाल सैनी बगड़, इंद्र सिंह शिल्ला भोबियां, रणजीत सिंह चंदेलिया, धर्मपाल गांधी, अजीत झाझड़िया, विशाल बुंदेला, रामकिशन राठौड़, भूपेंद्र कुमावत, शिवदीप, यशदीप सेन, सलमान खान, अनीश कुमावत, इकरार खान, सुमित चाहर, अजय सैनी, ललित बुंदेला, राहुल मंडाड़, दीपिका फोगाट, कविता सैनी, अंजू भाम्बू, अंशुल सोनी, पलक शर्मा, साक्षी सोनी, अमनदीप स्वामी आदि अन्य लोग मौजूद रहे।