विधानसभा में भेदभाव पूर्ण एवं प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के संदर्भ में सौंपा ज्ञापन
दांतारामगढ़ [प्रदीप सैनी ] पत्रकार समिति तहसील दांतारामगढ़ ने अध्यक्ष प्रदीप कुमार सैनी के नेतृत्व में आज सोमवार को राज्यपाल के नाम उपखंड कार्यालय में उपखंड अधिकारी अशोक कुमार रणवां को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया गया है कि वर्तमान बजट सत्र में पत्रकारों के साथ भेदभाव पूर्ण व्यवहार करते हुए समाचार संकलन हेतु विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने आपातकाल की तरह जो व्यवस्था लागू की है उससे लोकतांत्रिक व्यवस्था का हनन हो रहा है। इसमें पत्रकार दीर्घा और पत्रकार कक्ष में ही पत्रकारों के प्रवेश पत्र मान्य किए गए हैं विधानसभा परिसर के अन्य स्थानों में आने-जाने व समाचार संकलन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। साथ ही प्रवेश पत्र जारी करने में पत्रकारों के साथ भेदभाव पूर्ण व्यवहार किया गया है जिसमें बड़े दैनिक समाचार पत्रों को प्राथमिकता देते हुए अधिकांश एवं लघु समाचार पत्रों व स्वतंत्र पत्रकारों को वंचित रखा गया है। ज्ञापन में बताया गया है कि राजस्थान प्रेस प्रतिनिधि अधिनियम 1994 में स्पष्ट प्रावधान किया गया है कि सदन की कार्यवाही एवं ब्यौरा जनसाधारण तक पहुंचाना पत्रकारों का प्रमुख कर्तव्य है। इसमें कहीं भी साप्ताहिक या छोटे अखबारों के प्रतिनिधि उपस्थित नहीं हो सकते यह उल्लेख नहीं है। विधानसभा अध्यक्ष द्वारा पत्रकारों की बढ़ती हुई संख्या को इंगित करते हुए नई व्यवस्था लागू करना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कुठाराघात जैसा है जबकि यह स्वतंत्रता भारतीय संविधान में भारत के प्रत्येक नागरिक को दी है। इस कारण से यह एक तरह से यह सांवैधानिक प्रावधानों की भी अवहेलना है। राजस्थान विधानसभा के गठन के समय से ही प्रथम विधानसभा अध्यक्ष श्री नरोत्तम जोशी व द्वितीय विधानसभा अध्यक्ष श्री निरंजन आचार्य से लेकर इस नए आदेश के पूर्व तक यह परंपरा बनी रही है, जिसमें पत्रकारों के साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं किया गया है और ना ही कोई कानून पत्रकारिता में भेदभाव करता हैं। ज्ञापन देने वालों में पत्रकार समिति के अध्यक्ष प्रदीप कुमार सैनी, राजेश वैष्णव, पोखर मल महरड़ा, प्रमोद कुमार शर्मा, हेमन्त कुमावत, गिरधारी सोनी, सुरेश कुमावत, नरेश कुमावत, अर्जुन राम मुंडोतिया, रमेश कुम्हार इत्यादि शामिल थे।