बेटियां बोझ नहीं है जीवन का आधार
दांतारामगढ़, [लिखा सिंह सैनी ] दांता की बेटियां भी भारतीय सेना में शामिल होकर देश सेवा करना चाहती है। फाइनल तक पढ़ाई कर चुकी दांता की निशा कुमावत, कविता कुमावत व आशा कुमावत सर्दियों में अलसुबह ही राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय दांता के सेठ बद्रीनारायण खेतान खेल मैदान में दौड़ व विभिन्न तरह के व्यायाम कर अग्निवीर भर्ती के लिए तैयारी कर रही हैं। बेटियां बोझ नहीं है बल्कि वे जीवन का आधार हैं। बेटियां भी बेटों से कम नहीं है। वे भी हर क्षेत्र में लड़कों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही है। दांता की बेटियां भी सेना में भर्ती होकर देश सेवा करना चाहती हैं। 3 दिन पहले भी राणोली व नयाबास की दो लड़कियों का सेना में लेफ्टिनेंट पद पर चयन होने पर तीनों बेटियों का मनोबल का ओर भी बढ़ा हैं।