चूरू जिला आचार्य ब्राह्मण महासभा ने की मांग
चूरू, पुलिस थाना शहर बीकानेर के अन्तर्गत पंकज आचार्य पुत्र किशनलाल आचार्य हत्याकाण्ड मामले में मुआवजा दिलाने व ईमानदार पुलिस अधिकारी से मामले की निष्पक्ष जांच करवाकर मृतक पंकज आचार्य के परिवार को न्याय दिलवाने की मांग को लेकर आज जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया । ज्ञापन में बताया कि श्रीकोलायत (बीकानेर) निवासी पंकज आचार्य उम्र 14 वर्ष पुत्र किशनलाल आचार्य जो कि अपनी बुआ के घर आया हुआ था। 25 अगस्त को दोपहर को लगभग 1बजकर15 मिनट पर पंकज आचार्य अपनी बुआ के लड़के मनोज की ऑटो रिपेयर की दूकान पर लंच बॉक्स लेकर आया था। इस एफआईआर के मुल्जीमनो ने मनोज की दूकान पर जान से मारने की नियत से पिस्तोल से फायर किया जिसकी गोली दूकान के मुहाने पर खड़े पंकज आचार्य के सिर पर लगकर आर पार निकल गई। गंभीर हालत में पंकज आचार्य को पीबीएम अस्पताल, बीकानेर ले गये जहां उसका उपचार प्रारम्भ किया गया। पंकज आचार्य एक गरीब बीपीएल परिवार का अहम सदस्य था।अस्पताल में पंकज आचार्य का उपचार के दौरान 29 अगस्त को देहान्त हो गया। पंकज आचार्य परिवार का बड़ा पुत्र था पढ़ाई में होशियार था। अपने माता पिता के उज्जवल भविष्य की आशा था। पंकज आचार्य के देहान्त से माता पिता का भविष्य अंधकारमय हो गया है। ज्ञापन में मांग की गई है कि पुलिस थाना नयाशहर बीकानेर के द्वारा एफआईआर में अनुसंधान ईमानदारी से न होकर छल कपट राजनीति से ओतप्रोत हो रहा है। इस मामले को लाभ पहुंचाने की नियत से मुल्जिमानों को सहयोग करने वाले तथा हथियार उपलब्ध करवान वाले व्यक्तियों को बचाने का भरसक प्रयास किया जा रहा है। जब पंकज के गोली लगी तो पांच दिन तक मुल्जिमान की गिरफ्तारी नहीं हुई। बवाल मचने पर आनन-फानन में नाबालिग मुल्जिमान् को गिरफ्तार कर नाबालिग बनाने का प्रयास कर रहे है। मुल्जिमानों को सहयोग करने के लिये नया शहर थाना उतारू है। मृतक पंकज आचार्य के परिवार की आर्थिक स्थिति दयनीय है। मुख्यमंत्री सहायता
कोष से बीस लाख का मुआवजा राशि दिलवाई जाए एवं मृतक पंकज आचार्य के पीड़ित टूटे व बिखरे परिवार के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी दिलवाई जाए। इस घटना को लेकर समस्त अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज में भयंकर आक्रोश व्याप्त है यदि समय रहते उचित सम्मानजनक कार्यवाही नहीं हुई तो बड़े स्तर पर आंदोलन की कार्रवाई की जाएगी। ज्ञापन देने वालों में विनोद कुमार, हरिराम, गिरधारी लाल, निरंजन कुमार, पवन, कैलाश, गोविंद, तनसुख, सत्यनारायण, रामलाल आचार्य शामिल थे।