उदयपुरवाटी के गणपति मैरिज गार्डन से शाकंभरी सकराय धाम 17 किलोमीटर तक पैदल चलकर मां को अर्पित की चुनड़ी
शाकंभरी माता की ब्रह्माणी की रुद्राणी प्रतिमाओं को अर्पित की 7000 फीट लंबी दो चुनड़ी
उदयपुरवाटी, [कैलाश बबेरवाल ] झुंझुनू सीकर सीमा पर अरावली की पहाड़ियों में स्थित प्रसिद्ध शक्तिपीठ मां शाकंभरी के प्राकट्य दिवस पर हजारों श्रद्धालु दो डीजे की धुन पर नाचते गाते माता की चुनरी अपने हाथों में समाए हुए आगे बढ़ते रहे थे। आपको बता दें कि मां शाकंभरी के प्राकट्य दिवस पर इससे पहले भी 5 बार चुंदड़ी पदयात्रा निकाली जा चुकी है। इस बार भी हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी यह 2 वर्ष कोराना महामारी के बाद 6 जनवरी 2023 को छठी विशाल पैदल यात्रा 7000 फीट लंबी दो चुनड़ी मां शाकंभरी की ब्रह्माणी व रुद्राणी प्रतिमाओं को अर्पित की गई। पदयात्रा में राजस्थान के अलावा हरियाणा, कलकत्ता, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, चेन्नई, पंजाब, चंडीगढ़ सहित विदेशों से भी हजारों श्रद्धालु चुनड़ी पद यात्रा में शामिल हुए। चुनड़ी पैदल यात्रा का जगह-जगह पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया गया। साथ ही यात्रा के दौरान हर पाँच किलोमीटर पर श्रद्धालुओं के लिए चाय, पानी, नाश्ते तथा फलाहार की व्यवस्थाएं माता के भक्तों द्वारा की गई। शाकंभरी कुटुंब परिवार के मूलचंद सैनी ने बताया कि शाकंभरी कुटुंब परिवार के नेतृत्व में चुनड़ी यात्रा गणपति मैरिज गार्डन से 11:15 बजे पूजा-अर्चना के बाद शुरू की गई। जो कस्बे के चुंगी नंबर तीन जांगिड़ कॉलोनी, पांच बत्ती, स्टेट बैंक, मुख्य बाजार, बस स्टैंड होते हुए शाकंभरी गेट से सकराय धाम मुख्य मार्गो से होते हुए शाम 5:15 बजे शाकंभरी मैया के दरबार पहुंची। जहां पर हजारों श्रद्धालुओं ने अपने हाथों से शक्तिपीठ मां शाकंभरी की ब्रह्माणी व रुद्राणी प्रतिमाओं को दोनों चुनड़ी अर्पित की। मां शाकम्भरी को भक्तों के द्वारा प्रसाद का भोग लगाया गया। इसके बाद श्रद्धालुओं को भंडारे में प्रसाद वितरण किया गया। विशाल पैदल चुनरी यात्रा के दौरान मैया के हजारों श्रद्धालु मौजूद रहे।