चुरूताजा खबर

चूरू के धोरे बन सकते हैं पर्यटन संभावनाओं के केंद्र

चूरू, जिला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग की अध्यक्षता में जिला पर्यटन विकास स्थाई समिति की बैठक में चूरू जिले की पर्यटन संभावनाओं पर व्यापक विचार-विमर्श कर निर्देश दिए गए।

इस मौके पर सिहाग ने कहा कि चूरू जिले में पर्यटन की भरपूर संभावनाएं हैं। जिला पर्यटन मानचित्र में अधिक बेहतर ढंग से उभरे, इसके लिए हम सभी समन्वित प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि जिले में धार्मिक स्थलों पर दर्शन के लिहाज से बहुत लोग आते हैं। इसके साथ बहुत सारी छोटी-छोटी एक्टीविटी को जोड़कर बेहतर काम किया जा सकता है। यदि आया हुए पर्यटक और श्रद्धालु यहां कुछ समय के लिए ठहरते हैं तो स्थानीय इकॉनोमी के लिए यह काफी अच्छा हो सकता है।

जिला कलक्टर ने कहा कि रेत के धोरों में केमल सफारी आज के समय का ट्रेंड हैं, इस दिशा में फोकस किया जा सकता है। उन्होंने पर्यटन उपनिदेशक को इसके लिए स्थान चिन्हित कर लोगों को इस दिशा में प्रमोट करने के निर्देश दिए। जिला कलक्टर ने पेइंग गेस्ट स्कीम के क्रियान्वयन में आ रही कठिनाइयों को चिन्हित कर समाधान करने के लिए आवश्यक कार्यवाही के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वेब पोर्टल पर जिले के महत्त्वपूर्ण पर्यटन स्थलों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने पर्यटन ब्रोशर में जिले के महत्त्वपूर्ण स्थानों के साथ-साथ राजलदेसर गींदड़, ददरेवा मेले आदि गतिविधियों को भी शामिल करने के लिए कहा।

जिला कलक्टर ने कहा कि ताल छापर अभयारण्य समेत जिले के विभिन्न पर्यटन क्षेत्रों को पोपुलराइज करने की जरूरत है। सभी मंचों के जरिए इसका समुचित प्रचार-प्रसार होना चाहिए। उन्होंने जिले में ग्लो गार्डन विकसित किए जाने की संभावनाओं पर काम करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने पर्यटन उप निदेशक भानुप्रताप से कहा कि वे जिले में पर्यटन गतिविधियों को नियमित करें और प्रतिमाह समिति की बैठक करवाएं। उन्होंने कहा कि पर्यटनीय महत्त्व से जुड़े स्थलों के समुचित रख-रखाव और प्रचार-प्रसार की जरूरत है। यदि पर्यटन गतिविधियां बढती है तो यह जिले के लोगों के लिए हर दृष्टिकोण से बेहतर बात है। बैठक में बीकानेर संभागीय स्तरीय ऎतिहासिक व धार्मिक ट्यूर, स्वदेश दर्शन योजना में सालासर में हुए काम की उपयोगिता, विभिन्न पर्यटन स्थलों की साफ-सफाई आदि पर विस्तृत चर्चा की जाकर निर्देश दिए गए।

उप वन संरक्षक सविता दहिया ने तालछापर अभयारण्य क्षेत्र की गतिविधियों पर विस्तार से जानकारी दी और विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि छापर क्षेत्र में पर्यटन को प्रमोट करने की दिशा में लोग काफी जागरुक हैं।  समिति सदस्य श्याम शर्मा ने ग्रामीण पर्यटन विकास के लिए ऋण आदि सुविधाएं उपलब्ध कराने के संबंध में चर्चा की। उन्होंने बताया कि तालछापर क्षेत्र में पर्यटन की दृष्टि से अकूत संभावनाएं हैं। क्षेत्र में पहाड़ी, टीले, पक्षी, कृष्ण मृग जैसी अनेक विशेषताएं हैं जो इस दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हैं। पर्यटन उपनिदेशक भानुप्रताप ने इस क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी दी। समिति सदस्य सीताराम ने ददरेवा क्षेत्र की गतिविधियों के बारे में बताया।

इस दौरान सीईओ रामनिवास जाट, एसडीएम राहुल सैनी, टूअरिस्ट ऑफिसर पुष्पेंद्र सिंह राठौड़, सहायक निदेशक (जनसंपर्क) कुमार अजय, सानिवि एक्सईएन बजरंग लाल सोनी, उद्योग महाप्रबंधक नानूराम गहनोलिया, सानिवि एक्सईएन बीएल सोनी, सदस्य सीताराम, म्यूजियम डिपार्टमेंट से नीलिमा पूनिया आदि अधिकारी एवं सदस्य मौजूद थे।

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