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सब्जी मंडी में सब्जी रेहड़ी हटाने को लेकर दो पक्षों में हुआ विवाद

पुलिस ने मौके पर पहुंचकर यथास्थिति की कायम

सरदारशहर (जगदीश लाटा) स्थानीय सब्जी मंडी में बिग बाजार के आगे लगी रेहड़ी को लेकर कई बार विवाद सामने आया है। आज सोमवार को फिर बिग बाजार द्वारा रात को सब्जी रेहडीं हटाने पर विवाद हो गया जिसको लेकर सुबह 9 बजे मौके पर भीड़ जमा हो गई। विवाद की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रण में लिया। इधर सरदारशहर विकास मंच के अध्यक्ष एडवोकेट राजेंद्र सिंह राजपुरोहित सब्जी रेहड़ीयों को वापस लगाने की मांग करते हुए बिग बाजार के आगे अपने कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठ गए। एडवोकेट राजपुरोहित ने बताया कि यहां पर सार्वजनिक लाइब्रेरी थी जिसमें शहर के हजारों नागरिक एवं विद्यार्थी अनेक विषयों की स्टडी कर ज्ञानार्जन करते थे। लेकिन लाइब्रेरी को किस तरह से खुर्द खुर्द कर यहां पर मॉल बनाया गया है। इस मामले में जिला कलेक्टर से मिलकर लाइब्रेरी वापस शुरू करवाने के प्रयास करेंगे। मामले की गंभीरता को देख डीवाईएसपी नरेंद्र शर्मा भी मौके पर पहुंचे और पूरी जानकारी लेकर सब्जी रेहड़ी को वापस उसी स्थान पर कायम कर दोनों पक्षों को पाबंद किया। बिग बाजार के मुबारक अली ने बताया कि हमने नियमानुसार इस जगह को किराए पर लेकर करोड़ों रुपए निवेश कर अपना व्यापार स्थापित किया है। फिर भी सब्जी रेहड़ी वालों ने हमारे प्रतिष्ठान का रास्ता बंद कर रखा है, साथ ही हमारे ग्राहकों के साथ बदसलूकी भी करते हैं। मैंने कई बार प्रशासन को इस बारे में अवगत करवाया है लेकिन हमारी कोई सुनवाई नहीं होती। सब्जी रेहड़ी लगाने वाले कासम सब्जी फरोश ने बताया कि वर्षों से हम यहां पर रेहड़ी लगाकर अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं। अब इसमें बिग बाजार बन गया है, ये लोग हमें यहां से हटाकर हमारा रोजगार छीनना चाहते हैं अगर हमारे ठेले यहां से हटाए गए तो हम धरना प्रदर्शन कर न्याय की मांग करेंगे। बहरहाल पुलिस प्रशासन ने यथास्थिति कायम कर दोनों पक्षों को शांति बनाए रखने के लिए पाबंद किया है। उल्लेखनीय है कि सब्जी मंडी में जहां बिग बाजार बना हुआ है कुछ वर्षों पहले वहां पर जिले की सबसे बड़ी लाइब्रेरी संचालित होती थी जिसे किराए पर दे दिया गया है और अब यहां पर व्यापारिक गतिविधियां संचालित होती है वहीं लाइब्रेरी को ऊपर शिफ्ट कर दिया गया है। जिससे लाइब्रेरी अब लोगों की नजरों में नहीं आती और शहर के हजारों विद्यार्थी एवं नागरिक अध्ययन से वंचित हो रहे हैं।

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