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जिला स्तरीय कोचिंग संस्थान निगरानी समिति की बैठक आयोजित

कोचिंग विद्यार्थियों को मानसिक संबल एवं सुरक्षा प्रदान करने के लिए

सीकर, जिला कलेक्टर डॉ. अमित यादव की अध्यक्षता में सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्तरीय कोचिंग संस्थान निगरानी समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक में जिले में संचालित कोचिंग संस्थानों पर प्रभावी नियंत्रण तथा इसमें अध्यनरत विद्यार्थियों को मानसिक संबल एवं सुरक्षा प्रदान करने के लिए कोचिंग संस्थानों एवं संबंधित अधिकारियों के लिए दिशा—निर्देश दिए गए। जिला कलेक्टर डॉ. यादव ने निर्देशित किया है कि नशा संबंधी गतिविधियों की लगातार मॉनिटरिंग करें तथा सभी बच्चों के साथ-साथ हॉस्टल में काम करने वाले कार्मिकों का पुलिस वेरिफिकेशन करवाना सुनिश्चित करें। जिला कलेक्टर डॉ यादव ने समस्त कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों को निर्देशित किया कि उनकी कोचिंग में बच्चों की लगातार काउंसलिंग करवाई जाएं तथा संबंधित डिटेल प्रशासन को उपलब्ध करवाई जाए। कोचिंग में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को मानसिक संबल प्रदान करने के लिए फॉरेस्ट विभाग के समन्वय से प्लांटेशन ड्राइव शुरू की जा रही है जिसमे सभी कोचिंग संस्थान भाग लेवे तथा प्रत्येक विद्यार्थी के नाम पर एक पौधा लगाया जाए। जिला कलेक्टर डॉ यादव ने कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों से कहा की सभी कोचिंग संस्थान ई कंप्लेन पोर्टल विकसित कर कोचिंग विद्यार्थियों की समस्याओं का समाधान करे।
शहर में प्रवेश करने वाले भारी वाहनों के संबंध में यातायात की मीटिंग बुलाकर उनका प्रवेश निषेध किया जाए। कोचिंग और हॉस्टल में स्ट्रिक्टली फायर सेफ्टी स्टैंडर्ड्स को फॉलो किया जाए।

जिला कलेक्टर ने नगर परिषद और यूआईटी को निर्देशित किया कि अवैध होर्डिंग्स और दीवारों पर बने विज्ञापनों और स्लोगन के खिलाफ संपत्ति विरूपण के अंतर्गत संबंधित के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज किया जाए। कहीं भी कोई नशीला पदार्थ बेचता हुआ पाया जाता है तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। स्वास्थ्य विभाग एवं जिला रसद अधिकारी छात्रावासों के खाने की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए लगातार जांच करते रहे। समस्त कोचिंग संस्थानों में समाधान पेटिका होनी चाहिए ताकि वहां पढ़ाई कर रहे विद्यार्थी अपनी समस्याओं से संबंधित चिट्ठी वहां रख सके और संबंधित अधिकारी उसको पढ़कर उस पर आवश्यक कार्यवाही कर सके।

बैठक में दिए गए दिशा—निर्देशों के अनुसार कोचिंग संस्थान अपने विज्ञापनों में मिथ्या प्रचार—प्रसार और झूठे दावे नहीं करें तथा अपने ब्रोकर्स , पम्पलेट में सफलता दर एवं सिलेक्शन की गारंटी नहीं है तथा सरल एंट्री एग्जिट पॉलिसी और रिफंड के बारे में जानकारी निश्चित रूप से प्रकाशित करें।
बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर राकेश कुमार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामचंद्र मूंड, सीएमएचओ डॉ. निर्मल सिंह, जिला साक्षरता अधिकारी राकेश कुमार लाटा, डीएसओ कपिल, यूआईटी सचिव राजपाल यादव सहित निगरानी समिति के सभी सदस्य तथा शहर की कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधि एवं मीडिया कर्मी बैठक में उपस्थित रहे।

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