दिव्यांगों ने किया अपने हुनर का शानदार प्रदर्शन
जयपुर में 15वें ‘दिव्यांग टैलेंट एंड फैशन शो’ में
जयपुर, कैलीपर्स, व्हीलचेयर, क्रच और आर्टिफिशियल लिम्ब्स – आम तौर पर किसी फैशन और टैलेंट शो में ये सब चीजें नहीं होतीं, लेकिन बात जब दिव्यांग हीरोज की हो, तो कहते हैं कि सभी हदें खुद-ब-खुद दूर हो जाती हैं और सामने आते हैं चंद ऐसे हुनरमंद कलाकार जिन्होंने अपनी फनकारी से न सिर्फ लोगों का मनोरंजन किया, बल्कि उन्हें प्रेरित भी किया और यह दिखा दिया कि हौसला और जुनून हो, तो दुनिया की कोई रुकावट आपकी राह को नहीं रोक सकती। भले ही कुदरत ने कुछ लोगों को किसी एक नजरिये से कमजोर बनाया हो, फिर भी अपनी इच्छाशक्ति और अपने हौसले के दम पर वे भी दुनिया के सामने साबित कर सकते हैं कि अगर मन में आत्मविश्वास और सपनों को पूरा करने का जज्बा हो, तो वे भी कुछ कर दिखा सकते हैं। कुछ इसी भावना के साथ क्रिसमस से ठीक पहले जयपुर में धर्मार्थ संगठन नारायण सेवा संस्थान (एनएसएस) की ओर से 15 वें दिव्यांग टैलेंट एंड फैशन शो का आयोजन किया गया। 22 दिसंबर को रवींद्र मंच पर आयोजित इस कार्यक्रम में दिव्यांग कलाकारों ने अपने भीतर छिपी अनूठी प्रतिभाओं का प्रदर्शन किया और समाज को यह संदेश देने का प्रयास किया कि वे भी किसी से कम नहीं हैं। 15 वें दिव्यांग टैलेंट एंड फैशन शो के दौरान 40 दिव्य हीरोज ने बैक टू बैक अभूतपूर्व प्रदर्शन करते हुए आश्चर्यजनक स्टंट जैसे मल्लखंभ, व्हीलचेयर रैंप वॉक, व्हीलचेयर स्टंट के साथ लावणी जैसे नृत्य रूपों की नई संभावनाएं प्रस्तुत की। जयपुर के दर्शकों को एक नए तरह का टैलेंट शो देखने को मिला, जहां दिव्य हीरोज ने फैशन राउंड के दौरान कैलीपर्स, व्हीलचेयर, क्रच और आर्टिफिशियल लिम्ब्स के साथ परफाॅर्मेंस दी। हर राउंड में 10 दिव्य हीरोज ने रैंप वॉक किया। जगदीश पटेल, योगेश प्रजापति, दीया श्रीमाली, अहमद रजा और ज्योति मस्तेकर जैसे दिव्य हीरोज ने अपने मनोहारी प्रदर्शन से शो को चार चांद लगा दिए। दिव्य हीरो और प्रतिभाशाली कलाकार अहमद रजा ने कहा, ‘कड़ी मेहनत आपको एक मौका देती है भले ही आपका भाग्य आपके साथ न हो। अगर आप सपने देखते हैं तो सभी कठिनाइयों का सामना कर सकते हैं, और आप पाएंगे कि आपके सपने पूरे हो रहे हैं।’ इस आयोजन के संबंध में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए नारायण सेवा संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने कहा, ‘इस अनूठी पहल का उद्देश्य दिव्यांगों को सशक्त बनाना है, इस यात्रा में शामिल करते हुए उन्हें प्रेरित करना है कि वे भी बिना किसी सहारे के हमारे दिव्यांगों की तरह प्रतिभाशाली हो सकते है। इसके अलावा, मैं हर वंचित दिव्यांग को टेलरिंग, मोबाइल रिपेयरिंग, कंप्यूटर और हार्डवेयर रिपेयरिंग कौशल के लिए निःशुल्क कौशल प्रशिक्षण में भाग लेने के लिए आमंत्रित करता हूं।’
नारायण सेवा संस्थान दुनिया के विशेष रूप से सक्षम और वंचित लोगों के लिए एक बेहतरीन स्थान है। पद्मश्री कैलाश ‘मानव‘ अग्रवाल द्वारा 1985 में स्थापित नारायण सेवा संस्थान एक धर्मार्थ संगठन है जो दिव्यांग लोगों के समुदाय को शारीरिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाकर समाज की मुख्यधारा लाने के लिए सेवा प्रदान करता है। झीलों की नगरी उदयपुर के पास बड़ी गांव में स्थित नारायण सेवा संस्थान प्रकृति की गोद में अरावली पहाड़ियों की सीमा से घिरा हुआ है।