राजस्थान वाइल्डलाइफ एंड नेचर सोसायटी की टीम ने
दांतारामगढ़ , [लिखा सिंह सैनी ] लक्ष्मणगढ़ शहर में वन्यजीव संरक्षण के लिये कार्यरत संस्था राजस्थान वाइल्डलाइफ एंड नेचर सोसायटी की टीम ने लक्षमणगढ़ शहर एवं आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों से 2 दिनों में 11 साँपो को लोगों के घरों से निकाल का पुनः उनके प्राकृतिक आवास जंगल मे छोड़ा गया ।
1.राजकुमार सैनी के घर से एक इंडियन कोबरा सांप , वार्ड नं 22
2.दीपक शर्मा, वार्ड नं 29 , के घर से एक कॉमन सैंड बोआ सांप
3.सांवरमल ,वार्ड नं 20 के घर में वाटर टैंक से वॉर्म स्नेक
4.दिनेश सैनी , वार्ड नं 28 के घर से एक बिग साइज का इंडियन कोबरा साँप
5.जीतू धाभाई , धाभाई की ढाणी, के से एक इंडियन कोबरा साँप
6.गोरु राम बलाई , ग्राम छिछास के घर से एक 6 फ़ीट लंबा इंडियन कोबरा साँप
7.मालाराम , ग्राम नरोदडा, के घर से एक इंडियन कोबरा साँप
8.हरजी राम , ग्राम सेठो की कोठी से एक इंडियन कोबरा साँप
9.सुरेश कुमार , ग्राम बासनी ,के घर से बिग साइज ब्लैक हेडेड रॉयल स्नेक
- मोहन गार्डन , विवाह स्थल से एक रेड सैंड बोआ सांप
11.हाजी सलीम के फॉर्म हाउस से ब्लैक रॉयल साँप , ग्राम ढोलास
सर्पमित्र एवं वन्यजीव विशेषज्ञ कैलाश चंद सैनी ने बताया कि साँप बहुत ही शांत एवं मासूम प्राणी होता हैं । इसको घृणा से ना देखे । ना ही मारने की कोशिश करे । इनका जीवन बचाये , क्योंकि साँप हमारे पर्यावरण के लिए अति हितकर हैं । चूहे , गिलहरियों , अन्य हानिकारक जीवों को खाकर हमारी फसलों को सुरक्षित करते हैं । इन वन्य जीवों के रेस्क्यू ऑपरेशन में बुद्धप्रकाश सैनी , शशि खंडेलवाल , ताराचंद सैनी , श्रीकांत जोशी का सराहनीय योगदान रहा हैं । हमारी टीम लोगों को भय मुक्त कर , सर्पदंश जैसी अप्रिय घटना से बचाने का कार्य कर रही हैं ।