सेंशन न्यायाधीश झुंझुनूं अतुल कुमार सक्सेना द्वारा
सेंशन न्यायाधीश झुंझुनूं अतुल कुमार सक्सेना द्वारा शुक्रवार को एक अपील में निर्णय देते हुये अपने वाहन को गफलत, तेजी व लापरवाही से चलाकर दो जनो की मृत्यु कारित करने वाले चालक सतीश कुमार पुत्र रामेश्वर सिंह जाट निवासी ढिग़ाल थाना मुकन्दगढ़ को एक वर्ष का साधारण कारावास व पांच हजार रूपये अर्थदण्ड से दण्डित कर उसे जेल भेज दिया। इस मामले में न्यायाधिकारी ग्राम न्यायालय नवलगढ़ द्वारा 18 अगस्त 2018 को उक्त चालक सतीश कुमार को दोष सिद्ध मानकर विभिन्न कारावासीय एवं अर्थदण्ड से दण्डित किया था। ग्राम न्यायालय नवलगढ़ के निर्णय के विरूद्ध चालक सतीश ने सेंशन न्यायाधीश झुंझुनूं के समक्ष अपील की थी। मामले के अनुसार घासीराम द्वारा एक नवम्बर 2012 को एक रिपोर्ट सरकारी अस्पताल नवलगढ़ में पुलिस थाना नवलगढ़ के अधिकारी को दी कि उसके चाचा का लडक़ा निवास पुत्र चौखाराम सैनी उसके साडू की मृत्यु होने के कारण झुंझुनूं गया था तथा झुंझुनूं से निवास तथा उसका साडू शंकरलाल मोटरसाईकिल से वापस आ रहे थे। जब वे चैक पोस्ट नवलगढ़ से थोड़ा आगे सायंकाल 6 बजे के लगभग पहुँचे तो पिछे से एक क्रुजर गाड़ी को उसका चालक अत्यन्त तेज गति व लापरवाही से लहराता हुआ लाया और पिछे से मोटरसाईकिल के टक्कर मार दी जिससे निवास व शंकरलाल गंभीर रूप से घायल हो गये और ईलाज के दौरान दोनो की मृत्यु हो गयी। पुलिस थाना नवलगढ़ ने मामले की जांच कर सतीश कुमार के विरूद्ध सम्बन्धित न्यायालय में चालान पेश किया था तथा ग्राम न्यायालय नवलगढ़ में अभियोजन पक्ष की तरफ से 10 गवाहान के बयान करवाये गये तथा 13 दस्तावेज प्रदर्शित करवाये गये थे। सेंशन न्यायाधीश झुंझुनूं ने अपने निर्णय में लिखा कि सार्वजनिक मार्ग पर वाहन चालको का अत्यधिक तेज गति से वाहन चलाने तथा लापरवाही पूर्वक वाहन का संचालन करने के कारण असंख्य व्यक्ति सडक़ दुर्घटना में काल का ग्रास बन जाते है। इस प्रकार के बढ़ते अपराध को रोकने के लिये न्यायालयों को सख्त रूख अपनाने की आवश्यकता है ताकि सडक़ दुर्घटनाओ पर अंकुश लग सके। इस मामले में अभियुक्त द्वारा तेज गति, गफलत व लापरवाही से वाहन चलाने की वजह से दो व्यक्तियों को अपने जीवन से हाथ धोना पड़ा है जिसके कारण उनके परिवार अब सदैव के लिये उनके स्नेह, प्यार व आय से वंचित हो गये है। अपीलीय न्यायालय ने सतीश कुमार को धारा 279 में भी तीन माह के और साधारण कारावास से दण्डित करते हुये सभी मूल सजाए साथ-साथ भुगतने का आदेश दिया। राज्य सरकार की तरफ से पैरवी लोकेन्द्र सिंह शेखावत ने की।