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मास्क पहनने की भ्रांतियों को दूर करें प्रशासन

स्वास्थ्य एक्सपर्ट व अधिकारियो की यह राय

झुंझुनू, कोरोना वायरस की दहशत कायम वहीं बचाव के लिए भी लोग जागरूक भी हैं। पूरी दुनिया में कोविड़ 19 के संक्रमण के रोगियों की संख्या में इजाफा हो रहा है जिसके चलते विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा इसे वैश्विक माहमारी घोषित किया गया है। साथ ही इससे बचाव के लिए भी जरूरी हिदायतें भी दी गयी है।जिसमें सबसे महत्वपूर्ण है उचित दूरी पर रहना व संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में नहीं आना। यदि संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आये हो तो खांसी,गले मे खराश,बुखार होने की दिशा में तुरंत चिकित्सा परामर्श के साथ चिकित्सक की सलाह का पालन आवश्यक है। संक्रमित व्यक्ति के परिवार व अन्य नजदीकियों के अलावा उनकी देखरेख करने वाले चिकित्सा कर्मियों को उच्च गुणवत्ता का मास्क लगाना अनिवार्य हैं। वहीं अब मास्क आमजन लगाकर रहने लगे,जिसके चलते मास्क बांटने वालों की एक प्रकार से बाढ़ सी आई हुई है वहीं कई स्थानों पर मास्क की कालाबाजारी की शिकायतें भी मिल रही हैं।जबकि जिला कलेक्टर व मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी भी यह कह चुके है कि स्वस्थ व्यक्ति को मास्क लगाने की जरूरत नहीं है। आमजन के साथ-साथ जिले के कई अधिकारी भी दिनभर मास्क लगाकर कोई सही संदेश नहीं दे रहे है। जिससे आमजन भी भ्रमित हो रहा है। वहीं मास्क पहले चिकित्सा कर्मियों द्वारा उपयोग में लिया जाता थाया अतिगंभीर रोगियों से स्वस्थ व्यक्ति को बचाने के लिए लगाया जाता था। लेकिन अब आमजन व अधिकांश अधिकारी भी इसका उपयोग करने लगे। वहीं कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए झुंझुनू जिले सहित प्रदेश में विधायकों,सांसदों व भामाशाहों द्वारा भी मास्क की खरीद की लिए आर्थिक मदद दी जा रही हैं।जिसे प्रशासन द्वारा स्पष्ट नहीं किया जा हैं कि यह मास्क किसके लिए खरीदें जाएंगे। जिसके कारण भी जनता को ऐसे संदेशों की वजह से भर्मित होना पड़ रहा हैं।साथ ही मास्क वितरण के नाम पर लॉकडाउन का भी उल्लंघन किया जा रहा है।
स्वास्थ्य एक्सपर्ट व अधिकारियो का इस मामले में यह कहना है :-

प्रत्येक व्यक्ति को मास्क लगाने की जरूरत नहीं है।मास्क केवल कोरोना के लक्षण मिलने पर,प्रभावित व्यक्ति/मरीज की देखभाल कर रहे मेडिकल टीम के कार्मिकों के लिए ही आवश्यक है।साथ ही एन 95 मास्क केवल चिकित्सा कर्मियों व संक्रमित व्यक्ति की देखभाल करने वालों के लिए।
डॉ.आर.एस.छींपी,निदेशक परिवार कल्याण निदेशालय जयपुर।

आमजन को मास्क लगाने की कोई जरूरत नहीं है,मैं स्वयं 19 मार्च से यहां हूं सिर्फ आइसोलेशन वार्ड या मरीज के एक मीटर की दूरी पर रहने पर ही मास्क का उपयोग करता हूं,आइसोलेशन वार्ड से बाहर आने पर मास्क का निस्तारण कर देता हूं।
अतिरिक्त निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ. प्रताप सिंह दुतड़।

स्वस्थ व्यक्ति को मास्क लगाने की कोई जरूरत नहीं है,हल्के किस्म के मास्क स्वयं ही एक /डेढ़ घंटे में खराब हो जाता है।जो बाद में स्वस्थ व्यक्ति के किसी प्रकार का फायदा नहीं करता।
डॉ.शुभकरण सिंह कालेर,पीएमओ,राजकीय भगवान दास खेतान अस्पताल,झुंझुनू।

लोगों में भ्रांतियां हैं कि मास्क से कोरोना वायरस का कहीं बचाव हो सकता है।जबकि मास्क बांटने वालों की जो होड़ मची हुई है उसमें मेडिकेटेड मास्क की जगह कपड़े के मास्क भी वितरित किए जा रहे हैं जो निहायत ही गलत है। अस्पतालों में कपड़े के मास्क ऑटोक्लेव द्वारा स्टरलाइज्ड होने के उपरांत ही प्रयोग में लिया जाता है।
डॉ.संदीप महला,फिजिशियन,आर & आर अस्पताल झुंझुनू।

हर व्यक्ति को मास्क लगाना जरूरी है क्योंकि गले में खराश,खांसी,जुखाम होने पर रोगियों के मुंह के द्वारा कीटाणुओं का उछाल होता है उससे भी संक्रमण फैलता है।इसलिए मास्क हर व्यक्ति को लगाना चाहिए।
डॉ कैलाश राहड़,फिजीशियन,राजकीय भगवानदास खेतान अस्पताल झुंझुनू।

आमजन को मास्क लगाने की कोई आवश्यकता नहीं है। मास्क केवल संक्रमित क्षेत्र में जाने व रोगियों की देखभाल करने वाले चिकित्सा कर्मियों के लिए आवश्यक है। आमजन यदि मास्क फैशन के चक्कर में लगाने लग जाएगा तो मास्क की कालाबाजारी बढ़ जाएगी। वहीं इसका गलत संदेश जाएगा।मास्क बांटने के नाम लॉकडाउन का उल्लंघन भी गलत है।
उमरदीन खान,जिला कलेक्टर झुंझुनू।

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