व्यापारियों ने बेरीकेट लगा कर किया रास्ता जाम
सरदारशहर, कस्बे की ड्रेनेज सफाई व्यवस्था पर हर माह दो से तीन लाख रूपयें खर्च होते है परन्तु ड्रेनेज कभी साफ नहीं होती और मामूली बरसात आने पर बाजारों का पानी निकास नहीं होता। बुधवार सायं को हुई मामूली बरसात से आज गुरूवार को बाजारों में भरा बरसाती पानी दिनभर निकास नहीं हो पाया। जिससे व्यापारी अपने प्रतिष्ठान तक नहीं खोल पायें और राहगिर परेशान होते रहे। उक्त समस्या को लेकर आथुना बाजार के व्यापारियों ने बेरीकेट लगा कर रास्ता जाम कर दिया तथा ऑटो चालकों ने बाजार के सभी मार्गो में ऑटो रोक कर चक्का जाम किया। मामले की जानकारी पुलिस को मिलते ही मौके पर थानाधिकारी महेन्द्रदत्त शर्मा मय पुलिस बल के पहुंचे और व्यापारियों व ऑटो चालको को समझाने का प्रयास किया। लेकिन सभी इस बात को लेकर अड़े रहे की नपा अध्यक्ष और अधिशासी अधिकारी को बुलाया जाये। अधिशासी अधिकारी ने मौके पर पहुंचकर बताया कि सफाई कर्मीयों के बील पास कर दिये थे लेकिन अध्यक्ष सुषमा पींचा द्वारा रोक दिये जाने के कारण ठेकेदार को भुगतान नहीं हो सका जिसके चलते सफाई कर्मियों को भुगतान ठेकेदार द्वारा नहीं किया जा सका और सभी सफाई कर्मी काम पर नहीं आ रहे हैं। जिसके चलते नालों की सफाई नहीं हो पा रही है और बाजारों में यह समस्या उत्पन्न हो रही है। पालिका अध्यक्ष सुषमा पींचा ने मौके पर पहुंच कर आम लोगों के बीच बताया कि कस्बे के नालों की सफाई का ठेका दिया गया था जिस के अन्तर्गत नेता रोड़ से शुरू हुई ड्रेनेज सब्जी मण्डी, बोडिया कुआं, आथुना बाजार, मोचीवाड़ा होते हुए वार्ड न. 4 गेनाणी बनी हुई है जिसकी सफाई का एक फर्म एएसके कॉन्ट्रेक्टर को दिया गया था। ड्रेनेज की सफाई के नाम पर लाखों रूपये प्रति माह बील उठाये जाते हैं लेकिन सफाई के नाम पर केवल दिखावा किया जाता रहा है। मामले का खुलासा तब हुआ जब उक्त फर्म द्वारा दिसंबर 2019 व जनवरी 2020 के दो बील नगर पालिका में पेश हुए जिन पर एसआई द्वारा सत्यापन किया हुथा। उन्होने ठेकेदार द्वारा लगायी गयी लेबर की उपस्थिति रजिस्टर चेक किया तो उसमें पाया कि बील 50 से 60 लेबर के बने है और उपस्थिति रजिस्टर में 25 से 32 लेबर है जिनमें भी काफी अनुपस्थित होने के बावजूद इतनी लेबर के बील कैसे बने। ठेकेदार को बुलाया गया और उससे पूछा गया तो उसने आननफान में तुरन्त दुसरे बील बनाकर पेश कर दिये गये। दोनो बीलों का फर्क देखे तो समझ में आता है कि एसआई और ठेकेदार की मिलीभगत के चलते नगर पालिका को चुना तो लग ही रहा है लेकिन कस्बे की जनता ड्रेनेज के नालों की सफाई नही होने के कारण पीडि़त हो रही है। इस प्रकरण में नपा अध्यक्ष सुषमा पींचा ने कहा कि मामले की जांच करवायी जाऐगी। क्योंकि इस प्रकरण में नपा का कर्मचारी या अधिकारी कौन-कौन शामिल इस की जांच होनी जरूरी है।