प्रभारी मंत्री ने वीसी के जरिए कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर स्थिति का लिया फीडबैक
चूरू, तकनीकी एवं संस्कृत शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार), चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, सूचना एवं जनसंपर्क राज्य मंत्री तथा चूरू जिला प्रभारी मंत्री डॉ सुभाष गर्ग ने आज शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चूरू में कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति, चिकित्सा एवं लॉक डाउन प्रबंधन एवं आगामी कार्य योजना, ग्रीष्म ऋतु में समुचित जलापूर्ति, महात्मा गांधी नरेगा कार्यों में अधिकाधिक श्रमिकों के नियोजन आदि बिंदुओं पर जिला कलक्टर संदेश नायक एवं अन्य अधिकारियों से फीडबैक लिया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। वीसी के दौरान प्रभारी सचिव डॉ नीरज के पवन भी मौजूद रहे। वीसी में प्रभारी मंत्री डॉ गर्ग ने चूरू जिले में अब तक कोरोना वायरस संक्रमितों की चिकित्सा, सैंपलिंग, लॉक डाउन व कर्फ्यू प्रबंधन, जरूरतमंदों को राहत की दिशा में किए गए कार्यों के लिए जिला प्रशासन की सराहना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कोरोना वायरस संक्रमण की चुनौती से निपटने के लिए गंभीरतापूर्वक कार्य कर रहे हैं तथा उनके द्वारा लगातार मॉनीटरिंग कर जरूरत के मुताबिक दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं। डॉ गर्ग ने कहा कि दूसरे राज्यों से आ रहे व्यक्तियों एवं खासकर हॉटस्पॉट क्षेत्रों से आए लोगों पर सघन निगरानी की जरूरत है। उनके लिए आवश्यकतानुसार क्वारेंटाइन फैसिलिटी तैयार रखें और यदि कोई व्यक्ति होम क्वारेंटाइन में नहीं रह पाता है या उसका उल्लंघन करता है तो उसे इन्स्टीट्यूशनल क्वारेंटाइन में रखा जाना सुनिश्चत करें। उन्होंने कहा कि दूसरे स्टेट से आ रहे प्रवासियों का प्रबंधन एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। इसलिए अंतरराज्यीय सीमाओं को राज्य सरकार के निर्देशानुसार पूरी तरह सील रखें। नेशनल व स्टेट हाईवे के अलावा संभावित कच्चे रास्तों पर भी नजर रखते हुए दूसरे जिलों से आने वालों की भी समुचित निगरानी रखें। रेड जोन से आने वाले लोगों को जरूरत होने पर निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार संस्थागत क्वारेंटाइन में रखें। इसमें किसी भी कीमत पर कोई रियायत नहीं बरतें। उनकी सैंपलिंग, सर्वे, स्क्रीनिंग पर विशेष ध्यान दें। मृत्यु, गंभीर बीमारी की स्थिति के अलावा किसी को अंतरराज्यीय पास नहीं दें लेकिन यह भी देखें कि गंभीर बीमारी की स्थिति में लोगों को बाहर जाना हो तो त्वरित ढंग से उन्हें पास मिले।
जिला स्तर पर बनाएं कोविड केयर सेंटर – प्रभारी मंत्री डॉ गर्ग ने जिला स्तर पर कोविड केयर सेंटर चिन्हित कर तैयार रखें जिसमें करीब एक हजार लोगों को रखा जा सके ताकि जिला अस्पताल में आने वाले सामान्य मरीजों को भी दिक्कत नहीं हो। इसके लिए पहले से उपलब्ध कॉलेज आदि का भवन काम में ले सकते हैं अथवा किसी प्राइवेट बिल्डिंग या किसी भामाशाह द्वारा उपलब्ध कराए गए भवन को काम में लिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की एडवायजरी, प्रोटोकॉल और निर्देशों को ध्यान में रखते हुए जिला कलक्टर व्यावहारिक व मानवीय अप्रोच रखे और यह सुनिश्चित करें कि लोगों को कम से कम परेशानी का सामना करना पड़े। जहां कर्फ्यू की स्थिति हो, वहां सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए राशन डीलरों के माध्यम से खाद्यान्न एवं अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध करवाएं।
सांसद एवं विधायक निधि से विकसित करें चिकित्सा सुविधाएं – उन्होंने बताया कि दो साल के लिए सांसद एवं विधायक निधि की राशि को चिकित्सा सुविधाएं विकसित करने के लिए डायवर्ट किया गया है तो सभी सांसद, विधायकगणों से समन्वय करते हुए जिला अस्पताल के अलावा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर सुविधाएं सुनिश्चित करें। जरूरतमंदों को सरकार की ओर से दी जाने वाली 2500 रुपए की अनुग्रह राशि मुहैया कराएं। उन्होंने कहा कि गौशालाओं, पशुपालन केंद्रों में भी समुचित ढंग से सेनेटाइजेशन आदि की व्यवस्था करवाएं।
पेयजल प्रबंधन के लिए अधिकारियों के नंबर प्रचारित करें – जिला प्रभारी मंत्री ने पेयजल व्यवस्था की समीक्षा करते हुए कहा कि ग्रीष्म ऋतु के दौरान आमजन एवं पशुओं के लिए पानी की समस्या नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिले के अधीक्षण अभियंता से लेकर सहायक अभियंता तक सभी अधिकारियों के नंबर सार्वजनिक रूप से प्रकाशित-प्रचारित करें और यदि कोई अधिकारी फोन नहीं उठाता है उस पर कार्रवाई करें।
महानरेगा मेंं दें अधिकाधिक रोजगार – महानरेगा की समीक्षा करते हुए प्रभारी मंत्री ने कहा कि ऎसे विकट समय में ग्रामीणों के लिए यह संबल देने वाला महत्त्वपूर्ण रोजगार साबित हो रहा है, इसलिए ज्यादा से ज्यादा संख्या में श्रमिकों को नियोजित करें। कोई भी ग्रामीण यदि रोजगार के लिए आवेदन करता है तो उसे रोजगार दिया जाना सुनिश्चित करें। जिले की स्थिति एवं जरूरत को देखते हुए टांके बनाने और वृक्षारोपण के काम में श्रमिकों को नियोजित किया जा सकता है। दूसरे मदों से डवटेल कर भी ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभ दिया जा सकता है।
सड़क पर नहीं रहे कोई भी श्रमिक – प्रभारी सचिव नीरज के पवन ने बताया कि किसी भी मजदूर के सड़क पर पैदल चल पड़ने की स्थिति नहीं उत्पन्न हो। यदि ऎसा कोई व्यक्ति मिलता है तो संबंधित राज्य की अनुमति होने पर उसे वहां भिजवाए जाने तक अस्थाई क्वारेंटाइन होम में रखें तथा जरूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। किसी भी व्यक्ति के पैदल ही दूसरे जिले या राज्य के लिए चल पड़ने की स्थिति नहीं आनी चाहिए। यहां काम कर रहे दूसरे राज्यों के श्रमिकों को कन्वींस करें कि वे यहीं रहें और अनुमत कार्य करें। जिन्हें घर में क्वारेंटाइन किया गया है, उनकी पटवारी-ग्रामसेवक व अन्य मशीनरी के जरिए समुचित निगरानी रखें।
जिले में किया जा रहा समुचित प्रबंधन – जिला कलक्टर संदेश नायक ने जिले में सैंपलिंग, सर्वे, स्क्रीनिंग, लॉक डाउन व कर्फ्यू प्रबंधन की जानकारी देते हुए बताया कि जिले के मेडिकल कॉलेज में कोविड-19 सैंपल की जांच की जा रही है तथा संक्रमित पाए गए व्यक्तियों की यहीं चिकित्सा की जा रही है। सैंपल लेने के लिए और पैरामेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि जरूरत पड़ने पर समुचित संख्या में सैंपल लिए जा सकें। होम क्वारेंटाइन किए गए व्यक्तियों की उनके द्वारा खुद जाकर रेंडमली जांच की गई है, जिसमें पाया गया कि अधिकांश व्यक्ति क्वारेंटाइन एडवायजरी की पालना कर रहे हैं। प्रत्येक ग्राम स्तर पर सरकारी कर्मचारियों को लौटे गए प्रवासियों की सूचना के लिए नियुक्त किया गया है। पेयजल प्रबंधन की जानकारी देते हुए जिला कलक्टर ने बताया कि पूर्व में प्रस्तावित नहरबंदी को देखते हुए समुचित ढंग से तैयारियां की गई हैं। पेयजल के वैकल्पिक स्रोत भी सही करवाए गए है। जिले में संचालित 103 आर ओ वाटर संयंत्र भी सही स्थिति में हैं। दस में से आठ नगरीय क्षेत्रों में प्रतिदिन व सुजानगढ तथा छापर में 48 घंटे से जलापूर्ति की जा रही है।पेयजल लाइनों में अवैध कनेक्शन कर व्यावसायिक उपयोग कर रहे लोगों को जुर्माने से दंडित किया गया है। महानरेगा में विभिन्न कार्यों पर 41 हजार श्रमिक अभी नियोजित हैं। माह के अंत तक एक लाख लोगों को नियोजित करने का लक्ष्य है। राज्य सरकार के निर्देशानुसार पात्र, जरूरतमंदों को अनुग्रह राशि दी जा रही है।
मेडिकल टीमों के साथ नियोजित है पुलिसकर्मी – एसपी तेजस्वनी गौतम ने बताया कि जिले में बनाए गए सभी 41 नाकों पर सीसीटीवी कैमरे से निगरानी रखी जा रही है तथा मेडिकल टीमों के साथ पुलिसकर्मियों को नियोजित किया गया है। इस दौरान भारत निर्माण राजीव गांधी आईटी केंद्र के वीसी कक्ष में एडीएम रामरतन सौंकरिया, सीईओ रामस्वरूप चौहान, एसीईओ डॉ नरेंद्र चौधरी, सीएमएचओ, पीएमओ, अधीक्षण अभियंता (जलदाय), अधीक्षण अभियंता (जोधपुर डिस्कॉम) सहित संबंधित अधिकारीगण मौजूद थे।