बड़ अमावस्या के पर्व पर
सरदारशहर (सुरेश लता) पितरो व पुरखो (पूर्वजो) की स्मृति मे लगाये एक ही स्थान पर पीपल , बड ,आंवला व विलपत्र के पेड़। मारूति कुमार मिश्र ने बताया कि मेंरे घर के पास बड़, पीपल, आंवला, बील पत्र एक साथ एक लाईन में लगायें व बाल बच्चों की तरह देखभाल कर सेवा की । आज बहुत ही खुशी होती है कि उपरोक्त सभी पेड़ पूरे यौवन पर है। मौहल्ले की माताओं, बहनों सहित सुहागिनो को भी बड़ा आनंद आता है कि एक ही जगह ब्राह्मा, विष्णु, महेश की पुजा एक ही जगह हो जातीं हैं मुझे भी इसी की आड़ में सभी माताओं सहित सभी का आशीर्वाद घर बैठे गंगा स्नान की तरंह मिल जाता है । इसी प्रकार सड़क के किनारे पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए अनेकानेक पेड़ पोधो लगाये गये हैं जिसमें मीठे नीम, अशोका, टालीयां, गुलजार सहित लाल, पिले, सफेद कनीर सैकडों की तादाद में लगायें रखें हैं। जिससे आवागमन करने वालों का पर्यावरण प्रेम स्वत ही जागृति पैदा कर देता है । बड़ अमावस्या के पर्व पर श्री राम माध्यमिक विद्यालय परिवार द्वारा व शहर के प्रमुख शिक्षाविद स्व. पं. सांवलराम महावीर प्रसाद मिश्र स्मृति मण्डप के अध्यक्ष मारुति कुमार मिश्र ने कहां कि हमारे संस्कार, व्यक्तित्व ओर व्यवहार मे पूर्वजो की झलक होती है, ओर वे सदैव हमारे साथ ही रहते है। हम उन्हें आसान तरीके से महसूस भी कर सकते हैं , ओर पितृ याद मे एक पौधा जरूर लगाये । मिश्र ने कहां कि धार्मिक मान्यता भी है कि पेड़ पौधे लगाने व उनकी सेवा से पूर्वजो का आशीर्वाद भी मिलता है । क्योंकि 84 लाख योनियो मे एक योनि वृक्ष भी है । मिश्र ने सभी से अपील की अपने पूर्वज की याद मे कम से कम एक पौधा लगाकर उसकी देखरेख भी करे। घटती हरियाली और बिगड़ता पर्यावरण के बीच यह सच्ची सूरत से श्रद्धांजलि अर्पित होगी। इस अवसर पर श्री राम माध्यमिक विद्यालय के व्यवस्थापक सुनील मिश्र ने पेड़,पौधौ को आज के समय में जीवन की एक महत्वपूर्ण जरूरत बताया । इस अवसर पर बड अमास्या के दिन मौहल्ले व दुरदराज से आयी महिलाओ ने अपने मुंह के मास्क लगाकर व सोसल दुरी बनाते हुए कोरोना महामारी के नियमो के साथ बड पुजा की ।