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ईमित्र सेवा केन्द्रों पर मिली 12 फर्जी मुहरे एवं 30 से अधिक रिक्त आय घोषणा पत्र

गुढागौढजी एवं उदयपुरवाटी के

झुंझुनू, राज्य सरकार द्वारा रोजगार विभाग के माध्यम से मुख्यमंत्री युवा संबल योजना के तहत स्नातक उर्तीण बेरोजगार आशार्थियों को 3000 रूपये एवं महिला एवं दिव्यांगजन को 3500 रूपये मासिक अधिकतम 2 वर्ष के लिए बेरोजगारी भत्ता प्रदान किया जा रहा है, जिसके लिए पारिवार की वार्षिक आय 2 लाख से अधिक नही होनी चाहिए। बेरोजगारी भते के आवेदनों में आए दिन सामने आ रही अनियमितताओं को देखते हुए जिला कलक्टर रवि जैन के निर्देशानुसार रोजगार कार्यालय द्वारा गठित टीम ने गुढागौढजी एवं उदयपुरवाटी ईमित्रों का निरीक्षण किया जिसमें अनेक प्रकार की अनियमितताएं सामने आई। जिला रोजगार अधिकारी दयानन्द यादव ने बताया कि रोजगार सेवा निदेशालय द्वारा संदिग्ध ईमित्रों पर सतर्कता एवं प्रभारी मॉनिटरिंग के तहत बेरोजगारी भत्ते के प्राप्त आवेदनों में आ रही अनियमितताओं के चलते गुढ़ा व उदयपुरवाटी में स्थित ई-मित्रा सेवा केन्द्रो को औचक निरीक्षण किया गया। उन्होंने बताया कि इस संबंध में आए हुए आवेदनों का सत्यापन किया गया, जिसकी रिर्पोट जिला कलक्टर रवि जैन को 6 अगस्त को सौंपी गई। यादव ने कहा कि इस रिर्पोट को सबंधित विभागाध्यक्षों को अग्रिम कार्यावाही के लिए भेज दी जाएगी। इन ई-मित्रा सेवा केन्द्रों का किया औचक निरीक्षण: रोजगार अधिकारी दयानद यादव ने बताया कि निरीक्षण के दौरान गुढागौढजी के कविता फोटोस्टेट एण्ड ऑफसेट पर राउमावि गुढागौढजी के याख्याता की मोहर, नोटेरी पब्लिक मदनसिंह के 17 आय घोषणा पत्र, नोटेरी पब्लिक श्रीकान्त जोशी द्वारा सत्यापित 12 आय घोषणा पत्र बगैर दिनांक एवं नोटेरियल रजिस्टर क्रंमाक नही मिले। उसके बाद वहीं स्थित कमल बुक डिपो पर हाँसलसर गांव के नाम से रजिस्टर्ड ई-मित्रा सेवा केन्द्र मिला जो कि गुढ़ा में संचालित पाया गया, वहीं दो मोहर व्याख्याता राउमावि बड़वासी एवं प्रधानाध्यापक राउप्रावि भैंरू नगर किशोरपुरा की पाई गई। इसके अलावा 12 बेरोजगारी भत्ता, 7 उत्तर मैट्रीक छात्रावृति, 2 खाद्य सुरक्षा एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्गो के ईडब्लूएस के 6 आय घोषणा पत्रा खाली मिले जिनपर ओथ कमिश्नर श्रीराम बागवाला की मोहर एवं हस्ताक्षर लगी हुई मिली। इसी स्थान पर एक ओर संचालित ईमित्र पायल रोजगार सेन्टर में बेरोजगारी भत्ते के आवेदन के लिए उपयोग में लिए जाने वाले 2 खाली आय घोषणा पत्रा जिस पर एक पर उत्तरदाययी व्यक्ति एवं राउमावि गुढ़ागौडजी के व्याख्याता की मोहर सहित दूसरे उत्तरदायी व्यक्ति की जगह गुढ़ागौडजी के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सा अधिकारी की मुहर व हस्ताक्षर मिले। इस दौरान 50 एवं 100 रूपये के पूर्णतया रिक्त कुल 25 स्टाम्प जो कि ऑथ कमिश्नर श्रीराम बागवाला की मोहर व हस्ताक्षर से सत्यापित किए हुए थे। यादव ने बताया कि गुढागौडजी स्थित पावर हाऊस के सामने ई-मित्रा सेवा केन्द्र के काउन्टर की दराज में 1 प्राध्यापक, 2 ग्रामसेवक एवं पदेन सचिव व 2 संरपच सहित कुल 5 मोहर मिली। इसी दौरान उदयपुरवाटी स्थित जयवीर हनुमान ई-मित्र एवं रोजगार सेन्टर के काउन्टर की दराज में राउमा विधालय उदयपुरवाटी के व्याख्याता व गजेन्द्र कन्सट्रक्शन कम्पनी उदयपुरवाटी की कुल 2 मोहर पाई गई। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि इन ई-मित्रा सेवा केन्द्रों से प्राप्त आवेदनों की जांच व निरीक्षण के दौरान व उनसे की गई पुछताछ में यह सामने आया कि ई-मित्रा संचालन कर्ताओं द्वारा नोटेरी पब्लिक से एक मुश्त रिक्त आय घोषणा पत्र को सत्यापित करवाया जाता है, जिसमें आवेदक को ई-मित्रा संचालको द्वारा रिक्त आय घोषणा पत्र जिस पर नोटेरी पब्लिक, ऑथ कमिश्नर द्वारा सत्यापित किया हुआ प्रपत्रा दे दिया जाता है। उन्होंने कहा कि इन सभी ईमित्रों द्वारा क्रियाकलाप एक अवैध जाली, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने का है, जो कि गैरकानूनी है। टीम में इनका रहा सहयोग: गठित टीम द्वारा इन ई-मित्रा सेवा केन्द्रों से 12 मुहरे व रिक्त आय घोषणा पत्रा जब्त कर लिए गए है। टीम में जिला रोजगार अधिकारी दयानन्द यादव, सूचना सहायक जितेन्द्र कुमार, कनिष्ठ सहायक पवन कुमार सैनी एवं कोतवानी के सिपाही योगेन्द्र के सहयोग से यह कार्यवाही की गई।

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