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इठलाती-बलखाती पतंगों ने नापा आसमां

पूरे कस्बे मे बो काटा बो काटा हो रही है

सीकर,[नरेश कुमावत ] दांतारामगढ़ (कांटिया)कस्बे में मकर संक्रांति धूमधाम से मनाई जा रही है। पूरा आसपास के गांव में छतों पर चढ़कर पतंगबाजी का आनंद उठा रहा है। रसोइयां भी मीठे-मीठे पकवानों से महक रही हैं। इसके साथ ही दान पुण्य भी जोरो पर है। पतंगबाजों की भीड़ व आसपास के क्षेत्र में उमड़ी। यहां 13 जनवरी यानी मकरसंक्रांति के पहले दिन सुबह से ही पंतग- डोर की खरीदारी शुरू हुई । आस्था व उल्लास के साथ रस्मों की जुगलबंदी मकर सक्रांति पर पतंगबाजी के उत्साह के साथ आस्था और रस्मों की जुगलबंदी है। महिलाएं धर्मराज का उजमन कर रही हैं, तो जगह- जगह दान पुण्य का दौर चल रहा है। सूती सेज जगाना, कुएं की पाल उतारना, देवर को घेवर देना, ससुर जी को गुड़ की भेली देना, रूठी सास व ननद को मनाने सरीखे रिवाज भी घरों में हो रहे हैं। मकर संक्रांति के समय जब सूर्य गोचर करता है तो वो पृथ्वी के नजदीक आने लगता है। इसी के कारण दिन बड़े और रात छोटी होनी शुरु हो जाती है। मकर संक्रांति को हुए सूर्य के राशि परिवर्तन को अंधकार से प्रकाश की तरफ अग्रसर होना भी माना जाता है। माना जाता है कि प्रकाश लोगों के जीवन में खुशियां लाता है।

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