फाका नियंत्रण के लिए किसान छिड़के यह दवा
सहायक निदेशक, कृषि (विस्तार) सुरेन्द्र कुमार की सलाह
चूरू, जिले में इन दिनों टिड्डी व फीके का प्रकोप हो रहा है। जहां शाम को व रात को पीले रंग की टिड्डी दल ने पड़ाव कर अण्डे दिये हैं, उसके स्थान पर 10 से 12 दिनों बाद फाका निकले की संभावना है। यह फाका लगातार 3 से 4 दिन निकलता रहता है। सहायक निदेशक, कृषि (विस्तार) सुरेन्द्र कुमार ने जिले के किसानों को सलाह दी है कि अपने स्तर पर 5 से 6 किलो मेलिाथियान 5 प्रतिशत पाउडर या फेनवेलरेट 0.4 प्रतिशत या क्यूनालफोस 1.5 प्रतिशत पाउडर बराबर मात्रा में राख मिलाकर प्रति बीघा के हिसाब से फाका क्षेत्र में बुरकाव करें। ये कीटनाशी पाउडर बाजार में सस्ती दर पर उपलब्ध है। टिड्डी के फाके या उनके झुण्ड फुदकते हुए आगे बढते हैं। उनके रास्ते में खाई खोदकर उन्हें खड्डों में गिराकर ऊपर से मिट्टी डालकर भी उन्हें नष्ट किया जा सकता हैं। खाई का आकार 1.5 फीट गहरा व 2 फीट चौड़ा रखें, क्याेंकि इससे ज्यादा फाके फुदकते नहीं है और उस खाई से निकल नहीं सकते। फाके का मूवमेंट एक तरफ ही एक साथ झुण्ड के रूप में होता है। उनको आवाज करके या ताली पीटकर खाई की तरफ ले जाया जा सकता है।