कुछ महीनो बाद ही था रिटारमेंट
सीकर(राकेश कुमावत), जिले के पलसाना कस्बे में ड्यूटी के दौरान एक जवान की मौत हो गई जिसको राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। पलसाना ग्राम के बीरबल सिंह नटवाड़ीया पुत्र मोहन लाल नटवाड़ीया जो कि भारतीय वायुसेना में पिछले 13 सालों से कार्यरत था। छुट्टी आने की तैयारी से कुछ समय पहले ही उसकी मौत हो गई जवान बेटे की पार्थिव देह जैसे ही घर के आंगन पहुंची तो मौजूद परिजनों का रो रो कर बुरा हाल हो गया सामाजिक रीति-रिवाजों के बाद शहीद को घर से विदाई दी गई पार्थिव देह घर से मोक्ष धाम के लिए रवाना हुई गगनभेदी नारों के बीच लोगों ने शहीद बीरबल अमर रहे के गगनभेदी नारे लगाना शुरू कर दिए एयरफोर्स के जवान बीरबल को एयर फोर्स के जवानों के द्वारा अंतिम सलामी के साथ राजकीय सम्मान से अंतिम विदाई दी। सीकर सांसद सुमेधानंद, दांतारामगढ़ विधायक वीरेंद्र सिंह, पलसाना सरपंच रूप सिंह शेखावत ,बदला की ढाणी के सरपंच प्रतिनिधि मनोज कुमार जांगिड़, अलौदा पूर्व सरपंच प्रतिनिधि बीरबल सिं,ह कुलरिया सहित अनेक लोगों ने पुष्प चक्र अर्पित किए। गौरतलब है कि जवान बीरबल सिंह की बड़ी पुत्री रुचि आठवीं में तथा इकलौता छोटा पुत्र गौरव पांचवी क्लास में पढ़ता है। एक गरीब से परिवार में जन्म लेकर बिना बिजली के मकान में चिमनी लालटेन की रोशनी में पढ़ने वाला बीरबल मिलनसार स्वभाव का था। परिवार की तरफ से वह अत्यंत सुखी था, जहाँ भी पोस्टिंग होती अपने पिताजी ओर पत्नी को वहाँ एक बार जरूर घुमा के लाता। कुछ महीनों बाद उसका रिटारमेंट था और उसने रिटायरमेंट में बाद फिर से सरकारी सेवा में जाने का मन बना लिया और तैयारी भी शुरू कर दी थी, मगर सब कहानी बन कर रह गई। शुक्रवार को सुबह पिताजी को कॉल आया और बोला, आज छुट्टी आ रहा हु ओर ड्यूटी करने चला गया। जैसे ही 12 बजे ड्यूटी खत्म की पत्नी को कॉल किया कि मैं केंटीन जा रहा हु कुछ चहिये तो बात दे,, मैं आज आ रहा हु घर। आने से पहले अपनी पत्नी मंजू से बात की और कहा मैं घर आ रहा हूं क्या सामान लाना है कैंटीन से मगर सामान और सपने सब धरी रह गई।