दांता के अभिनेता क्षितिज कुमार ने
दांतारामगढ़ (लिखासिंह सैनी) हिन्दी राजस्थानी फिल्मों में तीन दशक से अभिनय कर अपार सफलता प्राप्त कर चुके , अभिनेता क्षितिज कुमार दांता निवासी वैध भैरवदत्त शर्मा के पुत्र है। बी कॉम, एलएलबी तक पढ़ाई कर मजिस्ट्रेट बनने वाले फिल्मों के सफल अभिनेता बन गये । फिल्मों में कदम रखने से पहले जयपुर आकाशवाणी में उद्धोषक के पद पर काम किया। अभिनय की मन में लालसा रखने वाले क्षितिज कुमार ने मुंबई की तरफ रूख किया और वहा पहली हिन्दी फिल्म तुम्हारे लिए में किशोर कुमार के साथ अभिनय किया जो सहरानीय रहा । उसके बाद कभी पिछे मुडकर नही देखा और एक के बाद एक फिल्मों में काम मिलना शुरू हो गया, उसके बाद स्वयं ही निमार्ता निर्देशक बन गए और अपने गृहक्षेत्र दांता में फिल्म राधू की लक्ष्मी बनाई जो एक सफल फिल्म रही। फिल्मों में अभिनय के लिए क्षितिज कुमार को राज्यपाल भी सम्मानित कर चुके। क्षितिज कुमार के म्यूजिक डायरेक्शन में उदित नारायण, विनोद राठौड, आशा भोंसले आदि काम कर चुके है। फिल्म म्हारी सुपातर बंदणी में बेस्ट कलाकार का अवार्ड भी मिला चुका है। लॉकडाउन खत्म होने के बाद कई फिल्में रिलीज होगी । राजस्थानी फिल्मों में सबसे ज्यादा अलग – अलग किरदार निभाये है। फिल्म बावलियों पंडित में अघोरी साधू ,बीरो भात भरण नै आयो में डाकू , रामू चनणा में राजकुमार ,म्हारी सुपातर बीनणी में अपंग लंगड़ा, नया सवेरा में किसान फिल्म जंवाई जी पावणा में रंडवा बापू , लेमनचूस में लेडी डाॅन, राजा की लवस्टोरी में कंजूस बाप, थारो ब्याव होगो के में अधेड़ कुंवारा का किरदार निभाया। क्षितिज कुमार ने बताया की राजस्थान सरकार राजस्थानी फिल्मों को अनुदान राशि दे फिल्में बनाने के लिए ओर राजस्थानी भाषा को मान्यता मिले तो दर्शक स्वयं ही फिल्में देखने के लिए चले आ जायेगें। फिल्मों की लोकेशन की जगहों का सरकार शुल्क नहीं लेवे ,फिल्मों को सालभर में सिनेमाहालों में 56 दिनों तक लगाना अनिवार्य करें । यह सब हो तो राजस्थानी फिल्में पहले जैसे फिर से बनने लगे जैसे तोलीबुड व भोजपुरी में बनती है। प्रदेश के लोगों को राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए कोशिश करनी चाहिए ।