झुंझुनू़ं, अखिल भारतीय जांगिड़ ब्राह्मण महासभा, जिला सभा झुंझुनूं की नवनिर्वाचित कार्यकारिणी का शपथ ग्रहण समारोह 3 जून शनिवार को जांगिड़ मंगल भवन बगड़ रोड झुंझुनूं में संपन्न हुआ। कार्यक्रम श्री श्री 1008दर्शन जी महाराज के सानिध्य में संपन्न हुआ। मुख्य अतिथि प्रदेश महासभा के महामंत्री सांवरमल जांगिड़ थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष राजेश जांगिड़ ने की तथा विशिष्ट अतिथि महासभा के राजनीतिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष मनरूप जांगिड़, महासभा के प्रदेश मंत्री रमेशचंद्र, वरिष्ठ उपाध्यक्ष ओमप्रकाश, महासभा के पूर्व महामंत्री अनिल एस, भाजपा नेता संजय जांगिड़, महासभा के उप प्रधान कन्हैयालाल, महासभा के प्रदेश कार्यकारिणी महिला अध्यक्ष नीलू जांगिड़, महासभा के संरक्षक गंगाधर गोडिया, नगर परिषद पार्षद विनोद जांगिड़, झुंझुनूं विकास समिति के अध्यक्ष बनवारीलाल, जिला सभा के पूर्व जिलाध्यक्ष अध्यक्ष श्रवण कुमार सहित गणमान्य लोग मौजूद थे। मुख्य अतिथि ने सर्वप्रथम भगवान विश्वकर्मा जी के चित्र पर दीप प्रज्वलित कर सभी सामाजिक बंधुओं ने आरती की। मुख्य अतिथि महासभा के महामंत्री ने सभी कार्यकारिणी के 42 पदाधिकारियों को शपथ दिलाई और कहां कि सभी पदाधिकारी निष्ठा से सामाजिक हित में कार्य करें ताकि समाज और विकास करें। मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन में कहा कि सामाजिक एकता बहुत जरूरी है बच्चों की शिक्षा पर विशेष बल दिया जाना चाहिए जब तक राजनीतिक में अपनी अगर भूमिका नहीं होगी तो समाज का विकास संभव नहीं है इसके लिए समाज को एकजुट रहना जरूरी है। वक्ताओं ने कहा कि जांगिड़ समाज की राजनीति में भागीदारी नगण्य है जबकि प्रदेश में जनसंख्या के हिसाब से 4 प्रतिशत संख्या है तो 8 विधायक राजस्थान के विधानसभा में समाज के चाहिए। राजस्थान सरकार अभी तक काष्ठ कला बोर्ड का भी गठन नहीं किया है जबकि सभी समाज के बोर्ड का गठन कर दिया गया है। समाज को एक महाकुंभ जयपुर ने करने की आवश्यकता है। महासभा ने समाज हित में समय-समय पर अपने दायित्व का निर्वाहन कर रही है। कोरोना काल जिन परिवारों पर आपदाएं का संकट आया है। उनको आर्थिक सहायता भी महासभा द्वारा दी गई है महासभा गरीब छात्रों को शिक्षा के लिए भी छात्रवृत्ति दे रही है। इस अवसर पर बाबूलाल, विनोद, संजीव, रामजीलाल, ओमप्रकाश, कैलाश,राजेंद्र, नंदलाल, सुनील, सुधीर, सुशील, संपत, सीताराम, कैलाश, सतवीर, नागरमल, जगदीश, पत्रकार मनोहर जांगिड़ सहित बड़ी संख्या में सामाजिक बंधु मौजूद थे।