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आरएसएस के पूर्व जिला संघ चालक रामजीवन शाह का हुआ निधन

जयपुर में ईलाज के दौरान ली अंतिम सांस

आपातकाल के समय 2-3 महीने जेल में भी रहे थे रामजीवन शाह

उदयपुरवाटी, आरएसएस के पूर्व जिला संघ चालक रहे रामजीवन शाह का रविवार को जयपुर में ईलाज के दौरान निधन हो गया। रामजीवन शाह के निधन का समाचार ज्यों ही फैला तो आस-पास के क्षेत्र में ही नहीं अपितु सम्पूर्ण शेखावाटी श्रेत्र में शोक छा गया। रामजीवन शाह का जन्म सन 1944 में हुआ था। शाह बचपन से ही 11 वर्ष की आयु में स्व. जसवंत सिंह शेखावत की प्रेरणा से 1955 में आरएसएस के स्वयं सेवक बन गये थे। शाह ने आरएसएस में घटनायक से लेकर विभिन्न दायित्वों को पूरा करते हुये जिला संघ चालक के पद तक का सफर पूरा किया। शाह ने आरएसएस के अलावा भाजपा में भी विभिन्न पदों पर रहकर कार्य किया है। आपातकाल के दौरान 14 नवम्बर 1975 को डीआईआर धारा के तहत लगभग दो-तीन महीने तक हवालात जेल में बंद रहकर बाहर आये थे। जिसके बाद में भाजपा की सरकार बनी, तो इन्हें लोकतंत्र सेनानी के नाम से सम्मान दिया गया। रामजीवन शाह अग्रवाल समाज से आते है। जब से उदयपुरवाटी में अग्रवाल समाज की कार्यकारिणी का गठन हुआ है। तब से लेकर निधन होने तक मुख्य सरंक्षक के पद पर निर्विरोध रहे है। शाह के पार्थिव शरीर को सोमवार प्रातः10ः30 बजे उनके पैतृक आवास से अंतिम यात्रा शुरू होगी। जिसके बाद में घुमचक्कर के निकट स्थित मोक्षधाम में अंतिम संस्कार किया जायेगा।

शाह ने तीन बार पार्षद के चुनाव लड़े

रामजीवन शाह ने अपने राजनैतिक कार्यकाल में तीन बार पार्षद के चुनाव भाजपा के सिंबल से लड़े थे। जिसमें दो बार रामजीवन शाह नगरपालिका बोर्ड में पार्षद भी रहे है। शाह ने एक बार भाजपा से विधायक के चुनाव लड़ने के लिये टिकट भी मांगी थी। लेकिन कोई कारणवस शाह को टिकट नहीं मिली। जिसके बाद में शाह ने पार्टी के खिलाफ बागी होकर चुनाव भी कभी नही लड़ा था। रामजीवन शाह लगातार 15 वर्षो तक भाजपा मंडल के अध्यक्ष भी रहे। साथ ही भाजपा के जिला उपाध्यक्ष व जिला संगठन मंत्री भी रह चुके हैं।

शाह ने भामाशाहों को प्रेरित करके सौ करोड़ से अधिक रूपये लगवाये

रामजीवन शाह उदयपुरवाटी के सबसे बड़े प्रेरक हैं। वे भामाशाहों को प्रेरित करके लगभग 100 करोड़ रूपये से अधिक की राशि के जनहित से जुडे़ कार्य करवा चुके हैं। शाह ने सामुदायिक अस्पताल केन्द्र उदयपुरवाटी के भवन निर्माण के लिये भूमि का दान भी भामाशाह को प्रेरित करके करवाया था। इसके अलावा अग्रवाल समाज के चार स्थानों पर गेस्ट हाउस का निर्माण भामाशाहों से कराया, शाकम्भरी माता में गेस्ट हाउस का निर्माण करवाया, वहीं आरएसएस द्वारा संचालित चार आदर्श विद्या मन्दिर स्कूलों के भवन का निर्माण भी भामाशाहों से करवाया।

उदयुपरवाटी के लगभग सभी सामाजिक व धार्मिक संगठनों से जुड़े हुए रहते थे। शहर में पेयजल की कमी के चलते पेयजल व्यवस्था हेतु टेंकर से भी पानी की सप्लाई करवाते थे। राबाउमावि को सैकण्डरी से सीनीयर करवाने में भी अहम योगदान रहा है।

संघ व भाजपा के ये बड़े पदों पर रहे लोग आ चूंके है शाह के आवास पर

रामजीवन शाह केे आवास पर भाजपा से जुड़े बड़े पदों पर आसीन लोग भी आ चूंके है। शाह के आवास पर पूर्व उपराष्ट्रपति भैंरूसिंह शेखावत, पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष ललित कुमार चतुर्वेदी, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष भंवरलाल शर्मा, वर्तमान में सिक्किम के राज्यपाल ओमप्रकाश माथूर व असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पुनिया, आरएसएस के निम्बाराम, विशाल, झब्बरसिंह, गैंदाराम, पूर्व संगठन महामंत्री प्रकाश अग्रवाल आदि पदाधिकारी इनके आवास पर प्रवास के दौरान आ चूंके है।

पांच दोस्तों की थी मंडली-पांचों का हुआ निधन बॉक्स

रामजीवन शाह समेत पांच दोस्तों की खास मंडली थी। कोई भी कार्य करते तो उसमें पांचों दोस्तों की भूमिका रहती थी। शाह के साथ में हर सामाजिक कार्य में स्व. ठाकुर सायरसिंह शेखावत, स्व. पूर्व चेयरमैन हनुमान सैनी, स्व.महाबीर शाह, स्व. ठाकुर हरनाथ सिंह भी तन-मन धन से साथ रहते थे। इन चारों का पहले ही निधन हो गया था। रामजीवन शाह अकेले भी निरंतर सेवाएं दे रहे थे। उनका भी रविवार को निधन हो गया।

सीएम भजनलाल शर्मा ने भी किया था शाह का सम्मान

गत दिनों भाजपा सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जयपुर में स्थित बिड़ला ऑडिटोरियम में रामजीवन शाह का लोकतंत्र सेनानी 2024 का प्रतीक चिन्ह देकर सम्मान किया था। शाह को नवगठित नीमकाथाना जिले के कलेक्टर शरद मेहरा ने भी सम्मानित किया।

शाह के निधन का समाचार आने के बाद पथ संचलन स्थगित

पूर्व जिला संघ चालक रामजीवन शाह के निधन का समाचार आने के बाद में रविवार को प्रस्तावित पथ संचलन कार्यक्रम भी आगामी आदेश तक स्थगित कर दिया गया है। आरएसएस के जिला सहकार्यवाह गंगाराम मौर्य ने बताया कि पूर्व जिला संघ चालक रामजीवन शाह के निधन का समाचार सुनकर बेहद दुःखी हुआ। संघ द्वारा निर्धारित पथ संचलन कार्यक्रम को आगामी आदेश तक स्थगित किया गया।

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