आपणी पाठशाला चूरू की मुहिम पर
स्थानीय चूरू के देपालसर रोड़ पुलिया के पास झुग्गि बनाकर रह रहे नट परिवार की बस्ती में आज एक नया सरोकार देखना को मिला। बिना माँ की बेटी की शादी में आज तारानगर, साहवा, सीकर, सरदारशहर के समाजसेवी बंधु भाई बनकर बबीता नाम की लड़की के भॉत भरकर नई मिशाल पेश की। 5 मई को लाछा की लड़की की शादी भी आपणी पाठशाला के सहयोग से तारानगर के एक समूह के शरीक होने पर शानदार और बेहतरीन हुई थी। जिससे प्रेरित होकर आज फिर से इस बार भी एक बिना माँ की बेटी जो मजदूरी करके अपने जीवन का भरण पोषण स्वयं कर रही है लेकिन अब शादी के समय हर साजो सामान की व्यवस्था करने में असमर्थ रही तो आपणी पाठशाला के धर्मवीर जाखड़ के सामने अपनी पीड़ा व्यक्त की। इस सम्बंध में आपणी पाठशाला टीम फिर से माँ की कमी महसूस नहीं हो इसलिए समाज के सहयोग से हर जरूरत की वस्तु शादी में उपहार स्वरूप देने की बात बबीता को कही। आपणी पाठशाला के धर्मवीर जाखड, दिनेश कुमार, सुनित गुर्जर आदि ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपील की जिसके फलस्वरूप कई साथी बबीता की शादी में उपहार व नकद देने की घोषणा की। शादी समारोह में मुरारीलाल पारीक,गोगासर भी पाठशाला पहुंच कर सभी झुग्गि-झोपडि़यों के बच्चों से रूबरू हुये और हास्य मजाक से सभी बच्चों से लगातार पढ़ाई करते रहने की अपील की और झुग्गि झोपड़ी में शादी स्थल पर पहुंचे।