एक व्यक्ति ने सूझबूझ का परिचय देकर
गुढ़ा गौड़जी[ संदीप चौधरी] श्रीमाधोपुर डिपो की रोडवेज बस जयपुर से झुंझुनू आ रही थी बीच रास्ते करीब 5:00 बजे रामपुरा प्याऊ स्टैंड पर एक लड़की बस में सवार हुई लड़की की उम्र 13 वर्ष नाबालिक थी। लड़की को परिचालक ने पूछा कि आप कहां जाओगे लड़की ने कहा उदावास परिचालक ने 65 रु की टिकट बनाकर लड़की को थमा दी लड़की के पास 10 का नोट था लड़की घबरा गई और बोली मेरे पास तो10 रु हैं उसी वक्त पास में ही बैठे चौधरी महताब सिंह खरबास ने बच्ची को प्यार से पूछा तो उसने बताया कि मेरे परिजन मुझे मारपीट करते हैं। इस कारण में मेरे ननिहाल उदावास जा रही हूं महताब खरबास ने पूछा कि आपके ननिहाल वालों का क्या नाम है तो कहा कि मैं नहीं जानती मुझे तो इतना पता है कि उदावास मेरा ननिहाल है। खरबास ने लड़की को समझाइश देकर अपने पिता का नाम पूछा तब बच्ची ने अपने पिता का नाम बताने पर महताब खरबास ने मोबाइल न खगाल कर उसके पिता से संपर्क किया। संपर्क करने पर पूछा कि तुम्हारी बच्ची कहां है तो लड़की के पिता ने कहा कि घर पर ही होगी तब महताब खरबास ने कहा कि अगर तुम्हें अपनी बच्ची चाहिए तो आप उदयपुरवाटी पुलिस स्टेशन आ जाओ। महताब खरबास ने उसी समय लड़की व रोडवेज परिचालक को साथ लेकर उदयपुरवाटी पुलिस थाने में महिला कॉन्स्टेबल को लड़की सुपुर्द की और कहा इसके पिता को यहां बुलाकर इस बच्ची को उसके पिता को सुपुर्द करो महिला कांस्टेबल ने लड़की के पिता को फोन कर पुलिस स्टेशन बुलाया तथा उसे हिदायत दी कि आइंदा कभी बच्ची के साथ मारपीट ना करें। प्यार से समझा कर बच्ची को उसके पिता को सुपर्द किया।