उदयपुरवाटी कस्बे की सरकारी व निजी अस्पताल के डॉक्टर्स ने
उदयपुरवाटी, [कैलाश बबेरवाल ] क्षेत्र के डॉक्टर्स ने उपखंड कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम राम सिंह राजावत को बीसीएमओ डॉ. मुकेश भूपेश के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया गया है कि लालसोट दौसा की गोल्ड मेडलिस्ट स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अर्चना शर्मा को मरीज के परिजन, नेताओं व प्रशासन की तानाशाही से तंग आकर आत्महत्या करने का कदम उठाना पड़ गया। जानकारी के अनुसार डिलीवरी के बाद बच्चेदानी के न सिकुड़ने के कारण अत्यधिक रक्तस्राव हो जाने के कारण मरीज की मृत्यु हो गई। कहा जाता है कि डॉक्टर भगवान होता है और कोई भी डॉक्टर कभी यह नहीं चाहता है ऐसे में डॉक्टर को जिम्मेदार ठहराना व तथाकथित समाज के ठेकेदारों के दबाव में डॉक्टर पर हत्या का केस दर्ज करना न सिर्फ गलत है बल्कि माननीय सुप्रीम कोर्ट व राज्य सरकार के आदेश की खुली अवहेलना भी है। अगर ऐसा होता है तो भविष्य में डॉक्टर नॉर्मल डिलीवरी कराने में भी संकोच करने लगेंगे। इस स्थिति में गंभीर मरीजों के इलाज में डॉक्टर्स को संबल देने हेतु परिजन, प्रशासन व सरकार के साथ खुले सपोर्ट की आवश्यकता होती है। जो परिजन ऐसा नहीं कर पाए। क्षेत्र के डॉक्टरों का कहना है कि इस दुखद घटना के विरोध में झुंझुनू जिले के समस्त सरकारी व निजी अस्पताल और उनसे जुड़े चिकित्सा संस्थान द्वारा 24 घंटे का कार्य बहिष्कार रखने की चेतावनी दी है। साथ ही सभी प्रकार की सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को भी किसी भी प्रकार का इलाज उपलब्ध नहीं हो सकेगा। अतः प्रदेश के मुख्यमंत्री से निवेदन है कि कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को भली-भांति जानते हैं आपसे अपेक्षा है कि हमारी समस्याओं और परेशानियों को गंभीरता से लेकर त्वरित समाधान करेंगे।
डॉक्टर्स की सरकार से 6 सूत्री मांग है डॉ. अर्चना शर्मा व डॉ. सुनील उपाध्याय पर धारा 302 लगाने वाले पुलिस ऑफिसर को बर्खास्त कर आत्महत्या करने के लिए प्रेरित करने का मुकदमा दर्ज हो। असामाजिक तत्व स्थानीय नेता जो प्रसूता के परिजनों को उकसा कर मृत शरीर को वापस अस्पताल लाए, उनकी पहचान एवं गिरफ्तारी हो। पुलिस प्रशासन द्वारा की गई इस संवेदनशील एवं गैर कानूनी कार्रवाई को देखते हुए स्थानीय प्रशासन के उच्च अधिकारियों को निलंबित किया जाए। चिकित्सा कर्मियों के विरुद्ध दर्ज होने वाले मामलों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों की पालना सुनिश्चित हो, साथ ही अवहेलना करने पर अवमानना का अदालत में केस दर्ज हो। अस्पताल परिसर में शव को लेकर धरना प्रदर्शन गैरकानूनी घोषित हो व पुलिस प्रशासन बिना शर्त के उन्हें तुरंत वहां से हटाए और ऐसा करने वालों के खिलाफ राजस्थान चिकित्सा परिचर्या कानून में सजा का प्रावधान हो। राजस्थान चिकित्सा परिचर्या कानून 2008 की सख्ती से पालना सुनिश्चित की जाए। ज्ञापन देने के दौरान डॉ. रविकांत महरिया, डॉक्टर ज्योति, डॉक्टर प्रकाश सैनी, डॉक्टर अजय सिंह, डॉ. अरुण शर्मा, डॉ मीनाक्षी शर्मा, डॉक्टर मनोज सैनी, डॉक्टर दीपचंद सैनी, डॉक्टर दीपेंद्र सैनी, डॉक्टर मुकेश भूपेश सहित अरविंद स्वामी, आस्था अस्पताल दिनेश सैनी व नर्सिंग स्टाफ मौजूद रहा।