आपसी गुटबाजी छिपाने के लिए ली मोदी मैजिक की आड़
झुंझुनू जिला मुख्यालय पर कल जिला कांग्रेस कमेटी की एक बैठक जिलाध्यक्ष एवं खेतड़ी विधायक डॉक्टर जितेंद्र सिंह की अध्यक्षता में आयोजित की गई। जिसमे जिलेभर से पधारे हुए कार्यकर्ताओं एवं संगठन के पदाधिकारियों ने शिरकत की। वही हम आपको बता दें कि झुंझुनू विधायक बृजेंद्र ओला और पूर्व विधायक श्रवण कुमार के साथ डॉ राजकुमार शर्मा भी मीटिंग से नदारद रहे। बृजेंद्र ओला की गैरमौजूदगी यह बात साबित करती है कि जिला कांग्रेस कमेटी अभी भी गुटबाजी से बाहर नहीं आ पाई है। वही लोकसभा चुनावो में बुरी तरह से हार के बाद पार्टी को फिर खड़ा करने के लिए एक नया प्रयास किया गया है लेकिन जब तक गुटबाजी रहेगी तब तक जिला कांग्रेस में यह प्रयास दूर की कौड़ी ही साबित होगा। वही मंडावा विधानसभा क्षेत्र का उपचुनाव व निकाय चुनाव सामने है लेकिन कांग्रेस अभी तक खुद को जिले में फिर से खड़ा करने के प्रयास में ही लगी है वही विपक्षी पार्टी इस मामले में काफी अग्रेसिव नजर आ रही है। वही कल हुई मीटिंग में कोंग्रेस के कुछ लोग मीडिया को वहा पर उपस्थित देखकर आशंकित भी नजर आए कि उनके पार्टी में चल रहे विरोध की कलई सबके सामने न खुल जाए। विधानसभा चुनावो में जनता में वसुंधरा राजे के खिलाफ जमकर गुस्सा था जिसके चलते प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी लेकिन आपसी खींचतान के चलते कांग्रेस का गढ़ रहे झुंझुनू जिले में पार्टी अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पाई। कांग्रेस ने आपसी खींचतान से पार पाने के लिए डॉ जितेंद्र सिंह को जिले की कमान सौपी थी लेकिन वो भी परिवार के बुजुर्गो की तरह ज्यादा कुछ नहीं कर पाए लिहाजा लोकसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी बुरी तरह से परजीत हुई। भले ही कांग्रेस के नेता अपनी आपसी फूट को मोदी मैजिक की आड़ लेकर बचने का प्रयास करे लेकिन वास्तविकता तो यही है कि पार्टी गुटबाजी के भंवर में अभी तक भी फसी हुई है।