बिल्व पत्र, आक, धतुरा, दूध व जलाभिषेक के साथ रिझाया भोलेनाथ को
रतनगढ़, जनपद में महाशिवरात्रि पर्व शिव मंदिरों सहित अन्य मंदिरों में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। स्थानीय जोशी समाधि स्थल पर स्थित शिवालय, परमाणा ताल में स्थित श्री भूतनाथ शिवालय, मठाधीश शिवालय, रघुनाथजी का बड़ा मंदिर, अंजनी माता मंदिर, श्री तालवाले बालाजी मंदिर सहित स्थानीय रेलवे स्टेशन रोड़ पर स्थित महामंगलेश्वर शिवालय में प्रात: से ही श्रद्धालुओं की भीड़ भगवान शिव की पूजा अर्चना करने में मशगुल रही। श्रद्धालुओं ने भगवान शिव की बिल्व पत्र, आक, धतुरा, दूध व जलाभिषेक के साथ भगवान शिव को पूजा अर्चना करके रिझाया। महिलाओं की सभी मंदिरों में अत्यधिक भीड़ देखी गई। स्थानीय तालवाले बालाजी मंदिर में पंडित पिंटु इन्दौरिया के सानिध्य में विभिन्न पंडितजनों ने रूद्राभिषेक किया गया। वहीं महामंगलेश्वर शिवालय में स्थापना के 108 वर्ष पूरे होने पर पंडित लीलाधर चौमाल व लीलधर शर्मा के सानिध्य में 108 पंडितजनों ने 108 सपत्निक धर्म श्रद्धालुओं ने रूद्राभिषेक कर भगवान शिव से देश में अमन व चैन की कामना की। वहीं मेहन्दीपुर बालाजी मन्दिर में भी रूद्राभिषेक पंडितजनों द्वारा किया गया व सायंकाल सभी शिव मंदिरों में महाआरती की गई व रात्रि में जागरण का आयोजन भी किया जा रहाहै । इस अवसर पर भगवान शिव की आकर्षक सजावट व मंदिरों को इलेक्ट्रोनिक सजावट के साथ सजाया गया। वहीं दूसरी और स्थानीय गौमजी के कुए के पास स्थित प्राचीन भूतनाथ शिवालय से भगवान शिव की आकर्षक बारात विभिन्न सजीव झांकियों के साथ शहर के प्रमुख बाजारों से भगवान शिव के जयघोष व शिव भजनों के साथ श्रद्धालुओं ने नाचते गाते निकाली गई। भगवान शिव की बारात का जगह जगह श्रद्धालुओं ने स्वागत किया। इसीक्रम में होलीधोरा पर स्थित ब्रह्मकुमारी सेवा केन्द्र पर 84वां शिव जयंती का उत्सव मनाया गया। केन्द्र संचालिया वीके सुप्रभा ने परमात्मा शिव के दिव्य कर्तव्य का स्पष्टीकरण किया और कहा निराकार ज्योति बिंदु परमपिता परमात्मा शिव ब्रह्मा के द्वारा नई सृष्टि की स्थापना का कार्य करते है।