डीएलबी के प्रमुख सचिव व निदेशक सहित ,पालिका ईओ को नोटिस जारी कर मांगा जवाब
याचिका में राजनैतिक प्रताड़ना का लगाया गंभीर आरोप
झुंझुनू, राजस्थान हाई कोर्ट ने मुकुंदगढ़ नगर पालिका की कनिष्ठ अभियंता को राजनैतिक प्रताड़ना के चलते जयपुर निदेशालय के लिए 50 दिन के भीतर दूसरी बार एपीओ करने के आदेश पर रोक लगाते हुए स्वायत शासन विभाग के प्रमुख सचिव, निदेशक व ईओ मुकुंदगढ़ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले के अनुसार क. अभियंता सुश्री संजू पूनियां ने हाई कोर्ट में एडवोकेट संजय महला के जरिये रिट याचिका दायर कर बताया कि वह पूर्व में नगर परिषद झुंझुनूं में कार्यरत्त थी। विभाग ने उसे 9 जुलाई 2020 को निदेशालय जयपुर के लिए एपीओ कर दिया था ततपश्चात 13 जुलाई को उसका पदस्थापन मुकुंदगढ़ किया गया, जहां उसने उसी दिन अपना कार्यग्रहण कर लिया था। उसके बाद विभाग ने 46 दिन की अल्प अवधि में ही 27 अगस्त 2020 को यहां से हटाते हुए निदेशालय के लिए पुनः एपीओ कर दिया व नवलगढ़ के अभियंता बजरंग लाल कुमावत को अतिरिक्त चार्ज दे दिया। बहस में एडवोकेट संजय महला ने कहा कि प्रार्थी राजनैतिक प्रताड़ना की शिकार हुई है। उसने राजनैतिक दवाब में गलत काम मे सहयोग नही किया तो उसे वहां से हटा दिया गया। बहस में पालिका में फैले भ्रष्टाचार व अनाधिकृत अधिकारियों की नियुक्ति करने के मामले की एसओजी से जाँच की मांग की। उन्होंने कोर्ट को बताया कि नवलगढ़ के अभियंता के पास 3 प्रभार हैं। एपीओ आदेश नियम विरुद्ध व माफिया लोगो की राजनीति से प्रेरित है,जिस पर रोक लगाकर यथावत रखा जाए। सुनवाई कर रहे न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा ने रिकॉर्ड का अवलोकन करने व बहस को सुनने के बाद एपीओ आदेश पर रोक लगाते हुए विभाग को नोटिस जारी कर सुश्री संजू पूनियां क. अभियंता को यथावत रखे जाने के आदेश जारी किए।