राष्ट्रीय लोक अदालत का हुआ आयोजन
सीकर, राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर एवं अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सीकर राजेन्द्र कुमार शर्मा के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सीकर के तत्वावधान में शनिवार को ताल्लुका विधिक सेवा समितियों रींगस, नीमकाथाना, दांतारामगढ़, श्रीमाधोपुर, फतेहपुर, लक्ष्मणगढ़ तथा सीकर न्याय क्षेत्र के न्यायालयों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया, जिसमें कुल 17 बैंचो का गठन कर सभी प्रकार के राजीनामा योग्य आपराधिक मामलें, सिविल प्रकृति के मामलें, पारिवारिक मामले, चैक अनादरण प्रकरण, बैकों के ऋण वसूली मामलें, राजस्व से सबंधित मामले रखे गये, जिनमें, पारिवारिक प्रकरणों एवं एमएसीटी के प्रकरणों, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग एवं स्थाई लोक अदालत के प्रकरणों की सुनवाई रेखा राठौड़, विषिष्ट न्यायाधीश मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण, सीकर, जिला एवं सत्र न्यायालय तथा अपर जिला एवं सेशन न्यायालयों में लम्बित मामलों की सुनवाई महेन्द्र प्रताप बेनीवाल, न्यायाधीश अपर जिला एवं सेशन न्यायालय क्रम-1 सीकर, प्री-लिटिगेशन बैंच में रामकिशन शर्मा, विशिष्ट न्यायाधीश एससी, एसटी न्यायालय, सीजेएम व एसीजेएम क्रम संख्या 01 व 02, सीकर के मामलों की सुनवाई विकास कुमार ऐचरा, न्यायाधीश मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, सीकर एवं जेएम, जे.जे.बी., एन.आई. कोर्ट एवं ग्राम न्यायालय कुडली के मामलों की सुनवाई शिखा शर्मा, न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट क्रम 01, सीकर के द्वारा सीकर न्यायक्षेत्र में लम्बित कुल 1,25,015 प्रकरणो में से 1,06,954 प्रकरणों का निस्तारण कर राशि 23,00,90,090/- रूपए के अवार्ड पारित करे तथा प्री-लिटिगेशन के कुल 23087 लंबित प्रकरणों में से 1565 प्रकरणों का निस्तारण किया गया एवं राशि 5,75,24,585/- रूपये (05 करोड़ 75 लाख 24 हजार 05 सौ पिचयासी रूपये) के अवार्ड पारित किये गये। सीकर न्यायाक्षेत्र में गठित सभी बैंचों में भारतीय स्टैट बैंक के प्री-लिटिगेशन के जितने प्रकरण निस्तारित हुए उन सभी में पक्षकारों को भारतीय स्टैट बैंक द्वारा छायादार और फलों के पौधे भेंट किये गये।
कार्यक्रम का शुभारंभ महेन्द्र प्रताप बेनीवाल, न्यायाधीश अपर जिला एवं सेशन न्यायालय क्रम-1, शालिनी गोयल, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सीकर, रामकिशन शर्मा, विशिष्ट न्यायाधीष एसटी,एसटी न्यायालय, विकास ऐचरा, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, शिखा शर्मा, न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट क्रम 01 बार संघ अध्यक्ष जगदीश सिंह गठाला एवं प्रशिक्षित मध्यस्थ पुरूषोत्तम शर्मा ने मां सरस्वती के सामने दीप प्रज्जवलित कर किया।
सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सीकर ने लोक अदालत का महत्व समझाते हुए राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिकाधिक प्रकरण के निस्तारण से समय, धन की बचत होने व आपसी सौहाद्र बना रहने से प्रकरणों को निस्तारित करने की अपील की एवं अधिकाधिक मामले राजीनामे से निस्तारित करने की बात कही।
प्री-लिटिगेशन बैंच पर बैंच अध्यक्ष रामकिशन शर्मा, सदस्यगण पैनल अधिवक्ता पुरूषोतम शर्मा एवं प्रो-बोनो अधिवक्ता अनिल शर्मा ने अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बीएसएनएल एवं अन्य बैंक व वितीय संस्थाओं के प्रतिनिधियों एवं लिटिगेंट्स के मध्य समझाईश कर 297 प्रकरणों का निस्तारण किया गया।
पारिवारिक न्यायालय के द्वारा निस्तारित 47 प्रकरण में से एक में दम्पती लगभग 02 साल से अलग रहे थे एवं आपसी झगडो के चलते तलाक लेने का निर्णय कर चुके थे। इसी प्रकार अन्य 02 प्रकरणों में भी पारिवारिक मतभेद के कारण दम्पती बहुत लम्बे समय से अलग रह रहे थे एवं दम्पती में मतभेद होने के कारण दम्पती के बच्चों पर इसका विपरित प्रभाव पड रहा था। परन्तु न्यायालय के प्रयासों एवं राष्ट्रीय लोक अदालत बैंच अध्यक्ष व सदस्यों की समझाइश द्वारा दम्पत्तियों में सुलह की गयी और न्यायाधीश रेखा राठौड़ एवं सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, शालिनी गोयल तथा बैंच सदस्यों के प्रयास से राजीनामा करवाया गया। दम्पती द्वारा एक दूसरे को माला पहनाई गई एवं बैंच सदस्यों द्वारा उनके उज्जवल भविष्य की कामना की गयी। इसी प्रकार एक अन्य दम्पती जो 02 वर्षों से अलग रह रहे थे, उनका भी राजीनामा करवाया गया। इसी के साथ मोटर दुर्घटना एवं दावा अधिकरण के कुल 136 प्रकरण निस्तारित किए गए एवं कुल राशि 9,78,62,408/- रूपए के अवार्ड पारित किए गए।
सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सीकर शालिनी गोयल ने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का उद्देश्य पीड़ित व्यक्तियों तक न्याय पहुंचाना है। राष्ट्रीय लोक अदालत न्यायपालिका का पर्व है, राष्ट्रीय लोक अदालत में आने वाले पक्षकारों को संबंधित न्यायालय तक पहुंचने में सहायता करने के लिए हेल्पडेस्क की स्थापना भी की गई। लोक अदालत बैंच के अभूतपूर्व सहयोग से सीकर न्याय क्षेत्र के प्री लिटिगेशन एवं न्यायालयों में लम्बित हजारों प्रकरणों की सुनवाई की जाकर राजीनामें के माध्यम से प्रकरणों का निस्तारण किया गया।
इस दौरान लोक अदालत में एवीवीएनएल विभाग सीकर, बीएसएनएल विभाग के प्रतिनिधि, अधिवक्तागण, बैंक प्रतिनिधी, लिटिगेंट एवं न्यायालय स्टाफ आदि उपस्थित रहे। लोक अदालत के माध्यम से शीघ्र एवं सुलभ न्याय उपलब्ध करवाना ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का ध्येय है।