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आत्मनिर्भर विकसित भारत में महिलाओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका – डीडीएम मीना

महिला स्वयं सहायता समूहों के कौशल विकास एवं आजीविका संवर्धन हेतु 15 दिवसीय लघु उद्यमिता विकास कार्यक्रम का शुभारम्भ

सीकर/ नीमकाथाना, देश के शीर्ष विकास बैंक यथा राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के सौजन्य से स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हुई 30 महिलाओं के कौशल विकास एवं आजीविका संवर्धन हेतु लघु उद्यमिता विकास कार्यक्रम का शुभारंभ नीमकाथाना में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ज़िला विकास प्रबंधक (डीडीएम), नाबार्ड एम एल मीना ने कहा कि नारी जन्म से ही हरफनमौला होती हैं, यदि उनके कौशल को पहचान कर उचित प्रशिक्षण उपरांत विभिन्न योजनाओं के माध्यम से आजीविका से जोड़ दिया जाये तो वह देश के विकास में अपना भरपूर योगदान प्रदान कर सकती हैं। आत्मनिर्भर महिला से ही आत्मनिर्भर विकसित भारत का संकल्प पूरा होगा।

इस अवसर पर विशिष्ठ अतिथि क्षेत्रीय प्रबंधक, बड़ौदा राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक एम एल कुलदीप ने कहा कि हमारा बैंक महिलाओं को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए हमेशा तैयार है आप प्रशिक्षण प्राप्त करके अपना स्वरोजगार शुरू करें, बैंक आपको विभिन्न योजनाओं के माध्यम से ऋण उपलब्ध करवाने को तैयार है। विनायक महिला विकास समिति के जिला समन्वयक राजकुमार कुमावत ने कहा कि हमारी संस्था महिला सशक्तिकरण के लिए काफी कार्य कर रही है एवं नाबार्ड के लघु उद्यमिता विकास कार्यक्रम के माध्यम से महिलाओं को गृह सजावट के विभिन्न सामान बनाने का 15 दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा, प्रशिक्षणार्थियों को एक्सपोज़र विजिट के अलावा बैंक से ऋण भी दिलवाने में सहायता प्रदान की जाएगी ताकि उनके द्वारा स्वरोजगार शुरू किया जा सकें।

कार्यक्रम में अध्यक्ष विनायक महिला विकास समिति आशा देवी, पूर्व प्रशासनिक अधिकारी न्याय विभाग राम लाल मीणा, स्वच्छ भारत अभियान के इंजीनियर मुकेश सैनी, सीओ पूरणमल सैनी, पलसाना ग्राम सेवा सहकारी समिति पूर्व व्यवस्थापक महादेव सिंह, संतोष कुमार सैनी, मास्टर ट्रेनर सुमन देवी व क़रीब 50 से अधिक महिलाएं उपस्थित रही।

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