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इण आजादी री इज्जत नै म्हे राजस्थानी राखी है …..

किशोर कल्पना कांत के जन्मदिवस पर रात्रि के चतुर्थ प्रहर तक चला विराट राजस्थानी कवि सम्मेलन

रतनगढ़, [सुभाष प्रजापत ] काव्ययोगी किशोर कल्पनाकांत स्मृति साहित्य शोध संस्थान द्वारा किशोर कल्पनाकांत के 93 वें जन्मदिवस पर आयोजित विराट राजस्थानी कवि सम्मेलन में सुप्रसिद्ध कवि – गीतकारों मंत्रमुग्ध कर देने वाली प्रस्तुतियों ने सुधि श्रोताओं को तड़के तीन बजे तक बांधे रखा । संस्थान सचिव कुलदीप व्यास ने बताया कि दीप प्रज्ज्वलन से प्रारंभ हुए कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रो गजादान चारण ” शक्तिसुत ” ने वीर रस से ओतप्रोत रचना ” इण आजादी की रक्षा ने म्हे राजस्थानी राखी है …..” प्रस्तुत कर श्रोताओं में जोश भरा , उन्होंने कहा कि मूल्यों को जिंदा रखने का कार्य कवि करते हैं । समारोह के मुख्य अतिथि भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष धर्मवीर पुजारी तथा विशिष्ट अतिथि रतनगढ़ नागरिक परिषद सूरत के अध्यक्ष शुभकरण बैद , राजस्थान विधानसभा के सचिव एवम् प्रोटोकॉल अधिकारी ओमप्रकाश शर्मा , राजस्थान साहित्य अकादमी के सदस्य घनश्याम नाथ कच्छावा , राजनीति डॉट कॉम के फाउंडर मनोज अग्रवाल , महावीर सेवा समिति के मुख्य ट्रस्टी विनोद डागा , सी बी आई मुंबई के ए सी पी सूरज मंडार , छापर चेयरमैन श्रवण सैनी , एवम् डिगबोई ( असम ) के दिनेश शर्मा थे । स्वाग्ताध्यक्ष पूर्व मंत्री राजकुमार रिणवा ने किशोर कल्पना कांत द्वारा की गई साहित्य सेवा का स्मरण करते हुए मायड़ भाषा राजस्थानी की मान्यता के लिए उनके द्वारा जीवन पर्यंत किए गए संघर्ष को आगे बढ़ाने का आह्वान किया । संस्थान अध्यक्ष वैद्य बालकृष्ण गोस्वामी ने राजस्थानी भाषा की विशिष्टताओं का परिचय दिया । सम्मेलन का संयोजक विकास रिणवा और लिट्टू कल्पना कांत ने अतिथियों का स्मृति चिन्ह भेंटकर स्वागत किया । कोटा के विष्णु विश्वास की सरस्वती वंदना से प्रारंभ हुए कवि सम्मेलन में जब झुंझनूं के सुप्रसिद्ध गीतकार भागीरथ सिंह भाग्य ने अपने चिर परिचित अंदाज में गैली सें स्यू पैली…… , छोटो सो है गांव …. और एक छोरी कालती ….जैसी रचनाओं की झड़ी लगाई तो उत्साहित श्रोताओं ने खूब दाद दी । राजस्थानी के लोकप्रिय गीतकार मुकुट मणिराज की शृंगार रस से भरपूर रचनाओं पर श्रोता मंत्र मुग्ध से हो गए । इंडियन लाफ्टर चैलेंजर केशरदेव मारवाड़ी की हास्य प्रस्तुतियों ने जहां खूब रंग जमाया वहीं भीलवाड़ा के राजकुमार बादल की रचना मरवा मोगरा री सौरभ तथा मिडिल स्टंप क्यूं तोड़ रही ….. जैसी रचनाओं से श्रोताओं को आनंदित किया ।कोटा के विष्णु द्वारा प्रस्तुत ” गौरी थारो डील इतर की शीशी …..” तथा दौसा की सपना सोनी के गीत ” हिवड़ो धक धक बोले बालम आओ जी …. ” ने खूब वाहवाही लूटी । लोकप्रिय मंच संचालक हरीश हिंदुस्तानी ने अपनी व्यंग्योक्तियों से श्रोताओं को खूब गुदगुदाया तथा आयोजक कवि मनोज चारण द्वारा प्रस्तुत रचना चेतक ने श्रोताओं में जोश भरा ।संस्थान के सह सचिव अशोक वर्मा , शिवाजी सेवा संस्थान के अध्यक्ष किशोरीलाल बील , कन्हैयालाल मिश्र , संजय पुरोहित , सुभाष वर्मा , मनोज जोशी , मनीष रिणवा , श्याम सुन्दर पारीक , राजेंद्र नोहाल, लालचंद मारोठिया , पार्षद श्रवण सैनी , उमाशंकर दाधीच , ओमप्रकाश सीमार, नीलमणि नोहाल, बनवारी स्वामी , मनीराम पंवार आदि ने अतिथियों का अभिनंदन किया ।

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