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पेंशन, पेयजल, टूटी पाइपलाइन के शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई के निर्देश

जिला कलक्टर ग्राम स्तरीय जन सुनवाई में

नीमकाथाना, . जिला कलक्टर शरद मेहरा ने माह के पहले गुरूवार को ग्राम पंचायत स्तर पर जन सुनवाई के दौरान उदयपुरवाटी तहसील की पचलंगी ग्राम पंचायत का दौरा किया. उन्होंने परिवादियों की समस्याओं को गंभीरता से सुना और अधिकारियों को त्वरित समाधान के निर्देश दिए. मेहरा ने इस मौके पर कहा कि क्षेत्र में पीने के पानी की उपलब्धता एक बड़ी समस्या है और आने वाले गर्मी के दिनों में यह और गंभीर होगी, जिसके लिए पूर्व तैयारी की जाएगी. उन्होंने मौके पर मौजूद जलदाय विभाग के अधिकारियों से कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायत और उससे जुड़े गांवों में पेयजल की स्थिति और उपलब्ध जल-स्रोत का ब्यौरा तैयार आने वाले दिनों के लिए कार्ययोजना बनाएं. उन्होंने कहा कि जहां तक संभव हो पेयजल आपूर्ति के लिए स्थानीय जल-स्रोत का ही उपयोग किया जाए, ताकि पानी के परिवहन की आवश्यकता कम-से-कम रहे।

कलेक्टर ने जन सुनवाई के दौरान ग्रामीणों की मांग पर मातेश्वरी धाम में नए ट्यूबवेल की व्यावहारिकता और जरूरत के आकलन के निर्देश दिए. उन्होंने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों को पेयजल की टूटी पाइपलाइन को सोमवार तक ठीक करने के भी निर्देश दिए. मेहरा ने ग्राम पंचायत के सुरक्षा गार्ड के पंचायत ठेकेदार द्वारा लंबित भुगतान, ग्राम सेवा सहकारी समिति द्वारा कृषि ऋण उपलब्ध नहीं कराने, पेंशन डायरी ऑनलाइन नहीं होने, सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लाभार्थियों के मौके पर ही सत्यापन, ग्राम पंचायत भवन में सहकारी समिति के संचालन आदि के प्रकरणों पर उपखंड अधिकारी एवं अन्य अधिकारियों को समुचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए. कलक्टर ने एक बच्ची का जन्म प्रमाण-पत्र जारी नहीं होने की शिकायत का मौके पर ही निस्तारण पर प्रमाण-पत्र परिजनों को सौंपा. कलक्टर मेहरा ने जन सुनवाई स्थल के पास स्थित श्री अन्नपूर्णा रसोई का भी निरीक्षण किया. रसोई की संचालिका ने रसोई में उपलब्ध कराए जाने वाले भोजन के बारे में जानकारी दी. श्री मेहरा ने अन्नपूर्णा रसोई की व्यवस्था पर संतोष जाहिर किया और इसमें मोटे अनाज के खाद्य पदार्थ भी परोसने का सुझाव दिया. जन सुनवाई के दौरान जिला परिषद एसीईओ मुरारी लाल शर्मा, उपखंड अधिकारी सुश्री मोनिका सामोर, सरपंच चन्दा पालीवाल सहित विभिन्न विभागों के ब्लॉक स्तारीय अधिकारी और बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थति थे।

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