आदर्श समाज समिति इंडिया द्वारा
झुंझुनू, विश्व को शांति का पाठ पढ़ाने वाले सत्य और अहिंसा के पुजारी राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की जयंती पर 2 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस पर राष्ट्रीय साहित्यिक व सामाजिक संस्थान आदर्श समाज समिति इंडिया द्वारा अंतर्राष्ट्रीय शांति सम्मेलन आयोजित किया जायेगा। विश्व के तकरीबन देशों में अशांति का माहौल है। कहीं पर आतंकवाद कहीं पर नस्लवाद कहीं पर जातिवाद कहीं पर नक्सलवाद हावी है। कई देश युद्ध की आग में जल रहे हैं। बेगुनाह लोग रोज मर रहे हैं। युद्ध किसी भी समस्या का स्थाई समाधान नहीं है। अगर युद्ध के स्थान पर शांति हो तो यह दुनिया बहुत हसीन हो सकती है। आदर्श समाज समिति इंडिया प्रयागराज जनपद की अध्यक्ष रेनू मिश्रा दीपशिखा, फरीदाबाद मंडल की अध्यक्ष कमल धमीजा, उत्तरी पश्चिमी दिल्ली की अध्यक्ष चंद्रमणि मणिका, लखनऊ शहर की अध्यक्ष अलका अस्थाना, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष एडवोकेट मुजाहिद चौधरी, ओडिशा प्रांत की प्रदेश अध्यक्ष संघमित्रा राएगुरु, जम्मू कश्मीर से अनु अत्री ‘याद’, दिल्ली से कंचन गुप्ता आदि के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए आदर्श समाज समिति इंडिया ने अंतर्राष्ट्रीय शांति सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लिया है। आदर्श समाज समिति इंडिया के अध्यक्ष धर्मपाल गांधी ने बताया कि हिंसा के दौर में पूरी दुनियाँ में शांति का संदेश देने वाले भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के महानायक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर देश और दुनियाँ में शांति कायम करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय शांति सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। यह सम्मेलन ऑनलाइन आयोजित होगा। शांति सम्मेलन में विभिन्न क्षेत्रों के कवि, लेखक, सामाजिक कार्यकर्ता, पत्रकार, बुद्धिजीवी और साहित्यकार भाग लेकर अपने विचारों के माध्यम से देश और दुनियाँ में शांति स्थापित करने में अपनी भूमिका अदा करेंगे। आज विश्व का हर देश शक्तिशाली और विकसित होने का दावा कर रहा है। रूस यूक्रेन युद्ध को शुरू हुए 6 महीने से ज्यादा हो गए हैं। लेकिन अभी तक किसी भी शक्तिशाली राष्ट्र ने या संयुक्त राष्ट्र संघ ने युद्ध को रोकने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है। युद्ध का न तो कोई नतीजा निकल रहा है और ना ही शांति की बात आगे बढ़ रही है। युद्ध में कौन हारेगा या जीतेगा लेकिन नुकसान मानवता का हो रहा है। युद्ध में तड़़प, दर्द और तबाही के सिवा कुछ भी नहीं। शक्ति का प्रयोग मानवता की भलाई के लिए होना चाहिए; मानवता के विनाश के लिए नहीं।भारत एक ऐसा देश है जिसने कभी विस्तार वादी नीति के लिए किसी पर हमला नहीं किया या किसी धर्म का प्रचार करने के लिए किसी पर शारीरिक या मानसिक दबाव नहीं बनाया।भारत ने हमेशा ही विश्व में शांति का संदेश दिया है। भारत से ही दुनिया में शुद्ध संस्कृति का प्रचार हुआ। दुनिया में जितने भी ज्ञान का प्रसार हुआ वह सब भारत से ही हुआ है। भारत लंबे समय तक स्वयं आजादी के लिए संघर्ष करता रहा है लेकिन कभी भी किसी देश पर हमला नहीं किया। आज के समय में विश्व शांति के लिए भारत की आवश्यकता सबसे ज्यादा है। हम केवल अपने लिए ही नहीं, बल्कि समस्त विश्व के लिए शांति और शांतिपूर्ण विकास में ही विश्वास रखते हैं। हिंसा एवं अशांति विश्व की एक ज्वलंत समस्या है। अहिंसा एवं शांति ही इस समस्या का समाधान है।