कस्बे के वार्ड नंबर 11 जाटावाली ढ़ाणी में
उदयपुरवाटी, [कैलाश बबेरवाल] कस्बे के वार्ड नंबर 11 जाटावाली ढ़ाणी में पिछले काफी समय से रास्ते की मांग को लेकर ढ़ाणी के लोग प्रशासनिक अधिकारियों को चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी राजनीतिक दबाव के चलते रास्ता खुलवाने को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं, जिस कारण आज इन लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आपको बता दे पहले प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा ढ़ाणी में जाने वाला मुख्य रास्ता नगर पालिका प्रशासन के साथ मिलकर संयुक्त कार्रवाई करते हुए जेसीबी की मदद से रास्ते से अतिक्रमण हटाते हुए रास्ता खोल दिया गया था। लेकिन फिर से रास्ते में लकड़ी, पत्थर डालकर रास्ते को पूरी तरह बंद कर दिया। रास्ते के शुरुआत में पक्का निर्माण कर मकान बना दिए, जिनके चलते अब इन ढ़ाणी के लोगों को रास्ते को लेकर काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासनिक अधिकारी भी इन लोगों की वाजिब मांग को सुनने के लिए वाजिब नहीं समझ रहे हैं। ढ़ाणी के लोगों के द्वारा सैकड़ों बार ज्ञापन दिया जा चुका है। लेकिन ज्ञापन देने के बाद आश्वासन देते रहे हैं जिसके चलते ढाणी के लोगों का अभी तक रास्ता नहीं खुला। ढ़ाणी के लोग पीने के पानी के लिए भी तरस रहे हैं, मजे की बात यह है कि आजादी के बाद ढ़ाणी के लोगों को जलदाय विभाग द्वारा सप्लाई किए जाने वाला पीने का पानी अब तक नसीब नहीं हुआ। ढ़ाणी के लोग पिछले कई सालों से पानी का टैंकर भी मजदूरी कर के अपने खर्चे से पी रहे हैं।
-काफी बार दे चुके प्रशासन को ज्ञापन
कस्बे के लोगों ने रास्ते की वाजिब मांग को लेकर कई बार पटवारी से लेकर तहसीलदार, एसडीएम, जिला कलेक्टर, मुख्यमंत्री व
जनसुनवाई सहित कई दफा ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन लेकिन रास्ता नहीं खुला ग्रामीण परेशान होते रहे। प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा ढ़ाणी में जाने वाले मुख्य रास्ते पर अतिकर्मी द्वारा छड़ी, पत्थर डालकर रास्ते को पूरी तरह अवरुद्ध कर दिया था। प्रशासनिक अधिकारियों ने नगर पालिका की संयुक्त टीम के साथ रास्ते को खुलवा दिया था। लेकिन अतिक्रमण करने वाले लोगों ने फिर से रास्ते को अवरुद्ध कर दिया। इस वजह से आज ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों को इस मामले को लेकर कई बार मौखिक तथा लिखित में अवगत भी करवा चुके हैं। फिर भी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं… आखिर प्रशासनिक अधिकारियों पर ऐसा कौन सा दबाव है जो ढ़ाणी के मुख्य आम रास्ते को बंद करने के बाद ढ़ाणी के लोगों को काफी परेशानीयों का सामना करना पड़ रहा है। क्या प्रशासनिक अधिकारी रास्ता खुलवाने को लेकर गंभीर नहीं है ? आजादी के बाद भी अब तक ढ़ाणी के लोगों को सरकार की ओर से दी जाने वाली मूलभूत सुविधाओं में पीने के पानी से वंचित है, अतिक्रमण करने वाले लोगों ने ढ़ाणी के 200 लोगों के आने-जाने के रास्ते को भी पूरी तरह अतिक्रमण कर रास्ते को बंद कर दिया है। जिससे अपने बच्चों का रिश्ता करने या परिवार में किसी की मृत्यु हो जाने पर काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ढ़ाणी के लोगों का कहना है कि ज्ञापन देने के बाद रास्ता खोलने का आश्वासन मिलता है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी, पटवारी तहसीलदार, एसडीएम के आश्वासन पर आश्वासन मिलता है। लेकिन रास्ते में हुए अतिक्रमण को नहीं हटाया जा रहा है। पिछले काफी समय से ढ़ाणी के लोग रास्ता खुलवाने की मांग को लेकर प्रशासन के चक्कर लगा रहे हैं। जिला कलेक्टर को ज्ञापन देने के बाद कलेक्टर ने रास्ते को खुलने के कई बार एसडीएम को निर्देश दिए लेकिन रास्ता नहीं खोला गया है। जिला कलेक्टर के निर्देशों के आदेशों के बावजूद एसडीएम ने भी आदेशों की पालना नहीं की। ढ़ाणी के लोगों द्वारा रास्ता खोलने को लेकर पटवारी से लेकर मुख्यमंत्री तक शिकायत की। लेकिन नहीं हुई कोई सुनवाई… आखिर क्यों नहीं की जा रही है सुनवाई। मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी की गई काफी बार शिकायत।
- मूलभूत सुविधाओं को लेकर सरकार गंभीर…. लेकिन फिर भी सवालिया निशान क्यों ?
कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री की मंशा है कि आम आदमी मूलभूत सुविधाओं से वंचित ना रहे, लेकिन ऐसा ही मामला झुंझुनूं जिले के उदयपुरवाटी नगरपालिका वार्ड नंबर 11 का सामने आया है जो पीने के पानी के लिए भी तरस रहे हैं। ढ़ाणी का मुख्य रास्ता पूरी तरह से बंद होने के कारण। ढ़ाणी के लोग काफी परेशान हैं ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से रास्ते को जल्द खुलवाने की मांग की है, ताकि ढ़ाणी के लोग अपने खर्चे से पीने का पानी आसानी से अपने घर ले जा सके। आखिर सरकार आम आदमी की मूलभूत सुविधाओं का भरपूर याद दिलाना चाहती है। लेकिन उदयपुरवाटी के नगर पालिका वार्ड नंबर 11 में ढ़ाणी के लोगों के पास आने जाने के लिए रास्ता नहीं है, जिसको लेकर अब सरकार के मूलभूत सुविधाओं को पूरा करने वाले वादों पर भी सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। मुख्य रास्ता खुलवाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराने के बाद स्थानीय प्रशासन व नगरपालिका के द्वारा गलत जवाब पेश किया जा रहा है। जिससे आज भी ढ़ाणी के 200 लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ढ़ाणी के लोगों को आने-जाने के साथ खाने-पीने का सामान लाने व ले जाने में भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। - तहसीलदार ने पटवारी व गिरदावर से मांगी रास्ते की मौकाफर्द रिपोर्ट
कार्यवाहक उदयपुरवाटी तहसीलदार अनुराग यादव ने पटवारी गिरदावर की टीम गठित कर रास्ते की मौका रिपोर्ट मांगी थी। जिसमें मौके पर ढ़ाणी में जाने के लिए 17 फीट कटान सुदा चौड़ा रास्ता है। लेकिन मौके पर पगडंडी है। जिसमें लोग खाने-पीने का सामान लाने व ले जाने भी काफी परेशानी हो रही है। जिसके लिए 4 सदस्यों की टीम गठित की गई थी जिनमें से पटवारी व गिरदावर ने मौका फर्द रिपोर्ट पेश कर दी है। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू हुई तो तहसीलदार अनुराग यादव को ही हटा दिया गया। जिस वजह से कार्रवाई पेंडिंग वापस पड़ी है। उदयपुरवाटी एसडीएम, तहसीलदार निरीक्षण के दौरान आए मौके पर आए। जिला कलेक्टर को विपक्ष की ओर से मामले को लेकर ज्ञापन दिया गया था जिसमें जिला कलेक्टर ने एसडीएम को मौका रिपोर्ट देख कर रास्ता खोलने के निर्देश भी दिए थे। जिसके बाद आज तक रास्ते को नहीं खोला गया। - मीडिया में कई बार खबरें छपने के बाद प्रशासन मौके पर पहुंचता है और मामले में लीपापोती कर देता है
रास्ते की मांग को लेकर कई बार मीडिया में प्रकाशित हुई खबरों के बाद प्रशासन हरकत में तो आ जाता है, लेकिन मौके पर पहुंचने के बाद मौका रिपोर्ट बनाकर वापस दफ्तर लौट जाते हैं। प्रशासन के पास पर्याप्त साधन नहीं होने की बात कहते हुए कभी पुलिस जाब्ता नहीं मिलने की बात कहते हैं तो कभी प्रशासनिक जाब्ता नहीं होने की बात कहते हैं। जिस कारण ढ़ाणी के 200 लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। - ग्रामीणों ने प्रशासन को दिया तीन दिन का अल्टीमेटम
ढ़ाणी के लोगों का कहना है कि अगर प्रशासनिक अधिकारी मामले को लेकर रास्ता 3 दिन में नहीं खोलते हैं तो ढ़ाणी के लोग ढ़ाणी में ही 3 दिन बाद धरने पर बैठ जाएंगे।
इनका कहना:-
- मामला मेरे संज्ञान में नहीं है मामले की जानकारी लेकर देखता हूं।
कार्यवाहक सूरजगढ़ तहसीलदार बंशीधर योगी - वही संवाददाता ने जानकारी लेने के लिए उपखंड अधिकारी को फोन किया पर फोन रिसीव नहीं हुआ।