न्यायिक कर्मचारियों एवं वकीलो में भारी रोष व्याप्त
झुंझुनूं स्थित पीरू सिंह स्कूल मतदान केन्द्र पर अपने परिजनो के साथ सोमवार को मत डालने आये जिला एवं सेंशन न्यायाधीश झुंझुनूं अतुल कुमार सक्सेना के साथ वहां तैनात हैड कांस्टेबल सतवीर जांगिड़ द्वारा अभद्र व्यवहार करने पर न्यायिक कर्मचारियों एवं वकीलो में भारी रोष व्याप्त है। आमजन में विश्वास व अपराधियों में भय का पुलिस का स्लोगन उस समय खोखला दिखाई दिया जब एक इतने बड़े केडर के बड़े अधिकारी से एक हैड कांस्टेबल अभद्र व्यवहार कर बैठा तो आमजन से पुलिस कैसा व्यवहार करती होगी यह एक सोचनीय विषय है। यही नहीं पुलिस के आला अधिकारियों ने अभी तक ऐसे हैड कांस्टेबल के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की है। वकील भगवान सिंह शेखावत, बिरजू सिंह शेखावत, महेशचंद्र शर्मा, सुभाष पूनिया, अजीज अली खां, डीपी वर्मा, राजेन्द्र सिंह निर्वाण, सुभाष गादड़ सहित अनेक वकीलो ने इस घटना की तीखी निन्दा करते हुये अभद्रता करने वाले हैड कांस्टेबल सतवीर जांगिड़ को बर्खास्त करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच की कोई आवश्यता नहीं है सिर्फ हैड कांस्टेबल को बचाने के लिये लीपा-पोती की जा रही है। लोगो का तो यहां तक कहना है कि पुलिस को अपना यह स्लोगन आमजन में भय व अपराधियों में विश्ववास कर लेना चाहिये। सेंशन जज अतुल कुमार सक्सेना द्वारा अपना परिचय देने के बाद भी हैड कांस्टेबल द्वारा अभद्रता करना यह दिखाता है कि हम 21वीं सदी में जा रहे है किन्तु कितनी भी अच्छे व्यवहार की ट्रेनिग पुलिस को दे दो खाकी अपना व्यवहार नही सुधार सकती। पुलिस को पता होना चाहिये कि बार व बैंच एक ही सिक्के के दो पहलू है। इस तरह की घटना कतई बर्दास्त नहीं की जा सकती है। उधर न्यायिक कर्मचारियों में भी भारी रोष व्याप्त है तथा न्यायिक कर्मचारियों ने भी अभद्रता करने वाले इस हैड कांस्टेबल के विरूद्ध बहुत ही कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाने की मांग की है। ज्ञात रहे कि सोमवार को झुंझुनूं जिला एवं सेंशन जज अतुल कुमार सक्सेना अपनी पत्नी, मजिस्ट्रेट बेटे एवं बेटी के साथ मतदान करने अपने निजी वाहन से बिना गन मैन के स्थानीय पीरूसिंह स्कूल स्थित बूथ पर पहुंचे। गाड़ी सक्सेना खुद ड्राईव कर रहे थे तथा बूथ से कुछ दूरी पर उन्होंने गाड़ी खड़ी कर बूथ पर जाने लगे तो वहां तैनात हैड कांस्टेबल ने उन्हे टोकते हुये कहा कि बहरा है क्या? सुनता नही है क्या ? इस पर उन्होंने अपना परिचय भी दिया और कहा कि वे सेंशन जज है तो हैड कांस्टेबल ने कहा कि यहां आप जैसे कई सेंशन जज यहा आते है। परिचय देने के बाद भी हैड कांस्टेबल ने उनसे अभद्र व्यवहार किया। इस बीच शोर-शराबा सुनकर पोलिंग बूथ के अन्य अधिकारी वहां पहुँचे और सेंशन जज और उनके परिवार को बूथ में प्रवेश दिया। जिला जज अपने परिवार सहित वोट डालकर वहां से चले गये। इसके बाद उन्होंने जिला कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। इसके बाद उस हैड कांस्टेबल को एक बार तो बूथ से हटा दिया गया लेकिन उसके विरूद्ध कोई कठोर कार्यवाही नहीं की गयी।