जयपुर फोटोजर्नलिज़्म सेमिनार में हुए 150 भावी फोटोजर्नलिस्ट शामिल
5 वें संस्करण में
जयपुर, फोटो जर्नलिज्म की थीम पर आधारित 5 वें संस्करण जयपुर फोटोजर्नलिज्म सेमिनार का दीप प्रज्वलन एपी गौर, रोहित परिहार, , डॉ. विपुल मुद्गल, अजय चौपड़ा, लीला दिवाकर, डॉ.गजेंद्र दिवाकर, हेमजीत मालू और संजय अवस्थी ने किया। विभिन्न सत्रों में दिग्गजों द्धारा 150 आकांक्षी फोटो पत्रकारों को कार्यस्थलों पर बाधाओं, चुनौतियों और अवसर के बारे में अपने अनुभव को साझा किया । केयर्न ऑयल एंड गैस से आए अयोध्या प्रसाद गौड़ ने कहा, “न्यू मीडिया और सोशल नेटवर्क के जरिए ख़बर तुरंत स्मार्ट फोन पर उपलब्ध हो रही हैं। जिसके चलते कंपनियां अपना ध्यान प्रिंट प्रकाशनों से सोशल मीडिया पर स्थानांतरित कर रही हैं। यही कारण है कि फोटो पत्रकारिता का प्रचार प्रसार ज्यादा तेजी से बढ़ रहा है ताकि सोशल मीडिया के दौर में उचित संदर्भ पिछड़ ना जाए। ” इंडिया टुडे के एसोसिएट एडिटर रोहित परिहार ने कहा, “हमारे संस्थानों ने छात्रों को फील्ड अनुभव देना बंद कर दिया है इसीलिए कक्षा का ज्ञान प्रदान करना पर्याप्त नहीं है। इसीलिए नई तकनीक वाली नई पीढ़ी का सोशल मीडिया पर खबरों पर अधिक भरोसा है, जो ज्यादातर नकली तथ्यों से प्रभावित होती है । इसीलिए नई पीढ़ी को सूचना फैलाने से पहले जांच पड़ताल करना जरुरी है। ” डॉ. विपुल मुद्गल, कॉमन कॉज़ और आई एम 4 चेंज के साथ जुड़े ने सेमीनार के दौरान कहा, “हमारे लोकतंत्र में पत्रकारिता का महत्व हमारे हाथों में है। भ्रामक खबरों के जरिए लोगों के बीच भ्रामक स्थितियां खड़ी हो रही है जिसके चलते हमारी जवाबदेही, पारदर्शिता, भागीदारी ज्यादा बढ़ जाती हैं । आज हर नागरिक पत्रकार है। यही कारण है कि हमारा ध्यान मानव प्रवास, तस्करी और समानता को प्रोत्साहित करने पर भी होना चाहिए। ” क्रेयॉनस के संस्थापक अजय चोपड़ा ने कहा, “हमारे फोटोग्राफर फोटों के जरिए हमेशा अपने विषय की सटीक जानकारी प्रदान करते हैं। जो कि विज्ञापन क्षेत्र में छवि निर्माण और विजुअल पत्रकारिता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ” इमेजिन फोटो जर्नलिस्ट सोसाइटी द्वारा भारत का फोटो जर्नलिज्म सेमिनार जयपुर में वेदांता के सहयोग से आयोजित किया गया था। 5 वरिष्ठ पत्रकारों ने आज की पत्रकारिता में वर्तमान परिदृश्य और पत्रकारिता के इच्छुक पत्रकारों के लिए फोटो जर्नलिज्म के क्षेत्र में समय, चुनौतियों के बारे में अपनी अंतर्दृष्टि साझा की। हिंदुस्तान टाइम्स की वरिष्ठ फोटो पत्रकार, पारोमा मुखर्जी ने कहा, “फोटो पत्रकारों को सभी विषयों पर बिना किसी पूर्वाग्रह के व्यवहार करना चाहिए और हमेशा दूसरों के निजी पलों के प्रति गरिमा दिखानी चाहिए। जनता के सामने कुछ भी पेश करने से पहले उच्च स्तरीय तथ्य जाँच प्रक्रिया का होना आवश्यक है।उन्होंने महिला फोटो पत्रकारों के लिए प्रमुख मुद्दों और उनके आवश्यक सशक्तिकरण पर भी जोर दिया।” वरिष्ठ पत्रकार और फोटोग्राफर उमेश गोगना ने कहा, ” हमारे क्षेत्र को समझाना मुश्किल है, लेकिन नैतिकता के दिशा-निर्देशों का पालन फोटो पत्रकारों को करना चाहिए। इसके अलावा फोटो लेते वक्त मौसम की स्थिति, प्रकाश व्यवस्था, संदर्भ, भावना, डिजिटल पोस्ट प्रोसेसिंग और वर्कफ़्लो जैसी फोटो तकनीक का अनुसरण करना अत्यंत आवश्यक हैं।