कोरोना काल में जीवेम एज्युकेशन का विशेष प्रयास, अभिभावक ना हों परेशान
झुंझुनू, कोरोना वैश्विक महामारी के इस कठिन समय में जीवेम एज्युकेशन की समस्त शैक्षणिक इकाईयों में अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों के अभिभावकों की समस्याओं को समझते हुए जीवेम एज्युकेशन द्वारा स्कूल, होस्टल एवं बस/वाहन फीस के भुगतान को आसान मासिक किश्तों में जमा करवाने की सुविधा दी जा रही है। जानकारी देते हुए जीवेम चेयरमैन डॉ दिलीप मोदी ने बताया कि कोरोना महामारी तथा लॉकडाउन के चलते बहुत से अभिभावक ऐसे हो सकते हैं जिन्हें अपने बच्चों की स्कूल की फीस जमा कराने में समस्या हो सकती है, ऐसे में अभिभावकों की परेशानियों को ध्यान में रखते हुए जीवेम एज्युकेशन ने एक फाईनेंसपीयर कम्पनी के साथ टाई-अप किया है, जिसके द्वारा अभिभावक अपने बच्चों की फीस को ब्याज मुक्त आसान मासिक किश्तों में जमा करा सकते हैं। उन्होंनें बताया कि यह लोन अभिभावकों के लिए पूर्णतया ब्याज मुक्त होगा जब कि ब्याज का समस्त खर्च जीवेम एज्युकेशन द्वारा वहन किया जाएगा। अभिभावक अपनी सुविधानुसार 6, 8 या 10 माह की आसान मासिक किश्त में फीस जमा करा सकते हैं। लोन पर किसी भी प्रकार के अतिरिक्त खर्च का भार अभिभावकों पर नहीं पड़ेगा। जीवेम चेयरमैन ने आगे बताते हुए कहा कि कोरोना के इस कठिन दौर में जहां अभिभावकों की आय पर विपरित प्रभाव पड़ा है, वहीं आसान मासिक किश्तों में स्कूल फीस जमा करवाने की सुविधा से अभिभावकों को निश्चित तौर पर राहत मिलेगी। जीवेम एज्युकेशन के इन्फ्रा. एवं प्लानिंग डाईरेक्टर आकाश मोदी की अगुवाई में गहन शोध एवं अनुसंधान के बाद यह निर्णय लिया गया है कि अभिभावकों की जेब पर बिना किसी अतिरिक्त भार के अभिभावक बिना किसी आर्थिक परेशानी के अपने बच्चों की फीस जमा करा सकें तथा बच्चों की पढ़ाई जारी रख सकें। आकाश मोदी ने और जानकारी देते हुए बताया कि इस स्कीम में अभिभावकों का लोन पर मुफ्त बीमा भी किया जाएगा जिससे कि यदि कोई अवांछनीय घटना यदि अभिभावकों के साथ कभी हो जाती है तो उनके बच्चे की अगले 5 वर्षों तक की स्कूल फीस वर्तमान संस्था में अध्ययन करने पर फाईनांस कम्पनी द्वारा वहन की जाएगी। इस संबन्ध में अधिक जानकारी विद्यालय कार्यालय से प्राप्त की जा सकती है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान हाई कोर्ट के आदेश के आधार पर जीेवेम एज्युकेशन की समस्त शैक्षणिक इकाईयों की स्कूल फीस में 30 प्रतिशत की कटौति कर दी गई है तथा भारत सरकार एवं राज्य सरकार की गाइडलाइन एवं स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (स्ह्रक्क) के आधार पर अभिभावकों की लिखित सहमति से विद्यार्थी अब अध्यापकों से मार्गदर्शन लेने हेतु अथवा समस्या समाधान के लिए विद्यालय में आ सकते हैं, जिसकी समस्त तैयारियां सरकारी गाइडलाइन के अनुसार की जा रही हैं। इस हेतु विद्यालय तथा छात्रावास परिसर को पूर्णतया सैनिटाइज किया जा रहा है तथा अनेक स्थानों पर स्क्रीनिंग प्वॉईन्ट, सावधानी सूचक पट्ट, सैनिटाईजर्स, साफ-सफाई की विशेष व्यवस्था इत्यादि की गई है जिससे कि विद्यालय में आने वाले विद्यार्थियों एवं आगन्तुकों को किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो पाए। जीवेम एज्युकेशन की इस पहल की अभिभावकों ने भूरी-भूरी प्रशंसा कर प्रसन्नता व्यक्त की है तथा इसे एक सराहनीय प्रयास बताया है।